वित्तविहीन स्कूलों में अयोग्य शिक्षकों से शिक्षण कार्य करा रहे प्रबंधकों पर अब जिला प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है। आए दिन आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीआईओएस ने वित्तविहीन स्कूल के प्रबंधकों से स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। उनकी योग्यता का प्रमाण भी प्रबंधकों से मांगा गया है। जिले में मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों की संख्या करीब साढ़े पांच सौ है। इनमें बहुत से स्कूल ऐसे हैं जहां अयोग्य शिक्षकों से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। हाईस्कूल व इंटर पास युवकों व महिलाओं से बच्चों को शिक्षा दिलाई जा रही है। बेरोजगार युवक व महिलाएं तीन से पांच हजार रुपये महीने में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। दूसरी तरफ वित्तविहीन स्कूल बच्चों की फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इसकी शिकायतें कई बार डीआईओएस व डीएम से की गई। हालांकि शिक्षा विभाग ऐेसे मामलों में अब तक कार्रवाई से बचता रहा। बीते कुछ महीनों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीआईओएस ने मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों के प्रबंधकों को पत्र जारी कर स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक और उनकी योग्यता का प्रमाण पत्र मांगा है। डीआईओएस के इस फरमान से प्रबंधकों में हड़कंप मचा है।
अयोग्य शिक्षकों से शिक्षण कार्य कराया जाना गलत है। इसे लेकर प्रबंधकों को पत्र जारी कर सूचना मांगी गई है। अगर कहीं पर ऐसा है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।-डॉ. ब्रजेश मिश्र, डीआईओएस
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