मिड-डे-मील में प्रत्येक बुधवार को बंटने वाले दूध में यूरिया और सोडा के अंश मिले हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के ठीक सामने स्थित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय नया कटरा और सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय मम्फोर्डगंज के परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बांटे गए दूध की वैज्ञानिक जांच की तो दूध के सैम्पल में यूरिया और सोडा की मिलावट मिली।
खास बात यह कि दोनों स्कूलों में एक नामी ब्रांड का पैकेट वाला दूध बांटा गया था। बाजार से दूध खरीदकर मंगवाने वाली शिक्षिकाओं को मिलावट का अंदाजा नहीं है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक डॉ. मो. मसूद ने साइंस किट से दूध के सैम्पल की जांच की। दूध में यूरिया की जांच के लिए सबसे पहले दूध परखनली में लेकर दो-तीन बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर अच्छे से हिलाया।
उसके बाद इस घोल में दो-तीन बूंद डाई मेथिल अमीनो बेंजल्डिहाइड मिलाया तो घोल का रंग हल्का पीला हो गया। इससे साबित होता है कि दूध में यूरिया की मिलावट है। इसके बाद दूध में सोडा की मिलावट जांचने के लिए सैम्पल में रोजोलिक एसिड की दो-तीन बूंद मिलाया तो दूध हल्का गुलाबी रंग का हो गया। इससे दूध में सोडा का मिलावट साबित होती है। यही प्रक्रिया सर्व शिक्षा अभियान परिसर स्थित स्कूल में भी अपनाने पर यही नतीजे मिले।
यहां की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका सीमा श्रीवास्तव ने भी परखनली में मिलावट की जांच को देखा और स्वीकार किया।
You may Like