उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री ने बुधवार को आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी मांगों का समाधान किया जाएगा। सीएम योगी से मिले आश्वासन के बाद सह संयोजक अनिल कुमार यादव ने आन्दोलन तीन माह के लिए स्थगित करने की घोषणा की। मोर्चा सरंक्षक शिव कुमार शुक्ला के अनुसार शिक्षामित्रों की मांग है। 9 अगस्त 2017 को पारित अधिनियम में वर्णित अधिकारों से शिक्षामित्रों को शामिल किया जाए और उत्तराखंड की तर्ज पर उन्हें 4 साल की छूट दी जाए ताकि वह न्यूनतम आर्हताएं हासिल कर सकें।
प्रदेश में कार्यरत समस्त शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर दोबारा बहाल होने तक समान कार्य, समान वेतन का लाभ दिया जाए। साथ ही उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के आधार पर 12 माह 62 वर्ष तक सभी शिक्षामित्रों को स्थायित्व दिया जाए। वार्ता में मोर्चा के संरक्षक शिव कुमार शुक्ला, प्रदेश संयोजक गाजी इमाम आला और सह सहंयोजक अनिल कुमार यादव संग श्याम दुबे के साथ पुनीत चौधरी, रमेश चन्द्र मिश्र, श्रीराम द्विवेदी और विनोद वर्मा शामिल रहे।
शिक्षामित्रों की सीएम से हुई वार्ता की अपडेट: प्राप्त जानकारी के क्रम में, जैसा कि आज दिनांक – 13 जून को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी बेसिक शिक्षा विभाग के अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एनेक्सी भवन में शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल से लगभग 40 मिनट वार्ता की, जिसमें मुख्यमंत्री जी ने विश्वास दिलाया कि हमारी सरकार जल्द ही सभी शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु नियमावली बनाने के क्रम में म. पी. , उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाण आदि.. किसी न किसी राज्य के मांडल पर निर्णय लेकर स्थायित्व करने की प्रक्रिया पूरी करेगी और अति शीघ्र आप सभी का मानदेय वृद्धि करने जा रहे हैं. आप सभी लोग अपना धरना समाप्त करके वापस घर जाए, आपके समस्या को लेकर हमारी सरकार गम्भीर है, जल्द ही हम घोषणा करेंगे.find more information about शिक्षामित्रों