प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों को योगी सरकार जल्द खुशखबरी दे सकती है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने ऐसे संकेत दिए है कि शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो शिक्षामित्रों कि आर्थिक तंगी काफी हद दूर हो जाएगी। ऐसा हो भी सकता है क्योकि 2019 के लोकसभा चुनाव आ रहे है। सरकार किसी भी कीमत पर चुनाव हारना नहीं चाहेगी। इसलिए ऐसा मना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार किया जा सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद डिप्टी दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। ये कमेटी मानदेय बढ़ाने के लिए शिक्षामित्रों और सुप्रीम कोर्ट के टकराव के बीच कोई नया रास्ता निकालने में लगी हुई है।
शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर पिछले काफी समय से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए। प्रदेश के शिक्षामित्रों की मांग है कि समान कार्य समान वेतन दिया जाए। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित हुई कमेटी को शिक्षामित्रों समस्या के हर पहलू पर विचार करने को कहा है। कमेटी ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए न्याय विभाग और वित्त विभाग से राय मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का प्रभाव करीब 1 लाख 37 हजार पर पड़ा था। इस आदेश के साथ शिक्षामित्रों का वेतन 3500 रुपए कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश सरकार दे इनका वेतन बढ़ाकर 10 हजार कर दिया था।
लेकिन वेतन बढ़ाये जाने के बाद भी शिक्षामित्रों ने आंदोलन वापस नहीं लिया। शिक्षामित्रों ने अपने आंदोलन से सरकार को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया। अब सरकार इनका मानदेय बढ़ा सकती है। दूसरे राज्यों में शिक्षामित्रों को मिलता है ज्यादा मानदेय। देश के अलग-अलग राज्यों में मानदेय को लेकर विसंगतियां है जिसको लेकर शिक्षामित्रों की मांग है कि योगी सरकार सिर्फ 10 हजार मानदेय क्यों दे रही है जबकि दूसरे राज्यों में शिक्षामित्रों को 35 हजार रुपए तक मानदेय दिया जा रहा है।