प्रदेश सरकार ने भले ही सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर कर दिए हो लेकिन इस तबादले से शिक्षक संतुष्ट काम असंतुष्ट शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। अभी तक केवल 37 परसेंट शिक्षकों के ट्रांसफर हो हो पाए है। सबसे ज्यादा असंतुष्ट शिक्षकों की संख्या उन जनपदों में जा पर तबादले पर रोक लगी। शिक्षक इस बात से ज्यादा असंतुष्ट है कि जा इन जिलों में ट्रांसफर नहीं होना था तो यहाँ पर आवेदन क्यों लिए गए थे? प्रतिबंधित जनपद मसलन सीतापुर और गोंडा से भी शिक्षकों के तबादले हुए है। इन जिलों के शिक्षको का ट्रांसफर आदेश सोशल मीडिया पर शिक्षकों में वायरल हो रहा है।
वही दूसरे शिक्षक इस बात से नाराज है कि अभी तक तबादला सूची क्यों नहीं जारी की है। ट्रांसफर सूची जारी नहीं होने से गड़बड़िया सामने नहीं आ रही है । वही शिक्षक इस में खेल होने की आशंका जाता रहे है। शिक्षक इस बात भी आक्रोशित है कि यदि तबादलों में सरकार को अपनी मनमानी करनी थी तो भारांक और गुणांक नियम क्यों बनाये थे? पिछड़े जनपदों में 8-1० से तैनात शिक्षक वही रहने को मजबूर है जबकि बीते 2-3 वर्षों में नियुक्त शिक्षक मनचाही तैनाती पा रहे है। शिक्षक इस बात को हाई कोर्ट में ले जाने कि तैयारी कर रहे है।