कौशांबी :जब सरकार से लेकर प्रशासन और प्रशासन से लेकर बीटीसी को छात्रों को पेपर लीक होने की बात पता चली तो सभी के होश उड़ गए थे। शासन ने आनन फानन में बीटीसी के पेपर पर रोक लगते हुए परीक्षा को निरस्त कर दिया। जिसे छात्रों में रोष पैदा हो गया और धरना प्रदर्शन करने लगे उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आला अफसरों के साथ बैठक का जल्द से जल्द कार्यवाही करने को कहा। अब बीटीसी की नई परीक्षा तारीख जार कर दी गई है। इस ममले की जाँच एसटीएफ करेगी।
एसटीएफ व पुलिस टीम ने बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमिस्टर पेपर लीक मामले में परीक्षा का पेपर छापने वाली संस्था के संचालक और प्रिंटिंग प्रेस मालिक को गिरफ्तार किया है। दरअसल, जिस प्रिंटिंग प्रेस को पेपर छापने की जिम्मेदारी दी गई थी, उसने दूसरी जगह पेपर पिंट्र कराए। यहीं से पेपर आउट हुआ और वाट्सएप पर भेज दिया गया। एसटीएफ को इस मामले में कई कर्मचारियों की तलाश है।
बीटीसी 2005 बेच की 4th सेमिस्टर की परीक्षा आठ अक्टूबर को होनी थी। परीक्षा से एक दिन पहले ही पेपर लीक कर लोगों के वाट्सएप पर भेज दिया गया था। जाँच से पता चला कि आठों पेपर लीक होने की बात सामने आई। जिला विद्यालय निरीक्षक ने मंझनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया, फिर पूरे प्रदेश की परीक्षा निरस्त कर जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। परीक्षा नियामक से एसटीएफ को जानकारी मिली कि परीक्षा का पेपर छापने की जिम्मेदारी दीप्ती इंटर प्राइजेज को सौंपी गई थी। एसटीएफ ने दीप्ती इंटर प्राइजेज की मालकिन के पति आशीष अग्रवाल निवासी बलरामपुर हाउस कर्नलगंज, इलाहाबाद को गिरफ्तार किया तो नए राज खुले। उससे पता चला कि उसने परीक्षा का पेपर भार्गव ¨पट्रिंग प्रेस में छपवाया था। इस पर एसटीएफ ने भार्गव प्रेस के मालिक अर¨वद भार्गव, निवासी बाई का बाग कीडगंज को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में साफ हुआ कि प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर आउट हुआ। दोनों आरोपितों को कौशांबी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। दोनों को जेल भेज दिया गया।
पुलिस की गिरफ्त में आए परीक्षा आयोजक संस्था के मालिक आाशीष अग्रवाल ’ जागरण