दिल्ली के सरकारी स्कूल नियमित शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि छठी से दसवीं तक (टीजीटी) के स्वीकृत कुल पदों में से 35 फीसदी पद पर अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद भी 3825 पद खाली पड़े हैं। जर्फ एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के तरफ से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
किसमें कितने पद रिक्त : राजधानी के 1030 स्कूलों में कक्षा छठी से 10वीं तक के शिक्षकों के 33,397 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 17,695 नियमित शिक्षक तो 11,877 अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद भी 3825 पद खाली हैं। इनमें अंग्रेजी में 704, गणित में 696 व हिंदी में 164 पद खाली हैं।
50 फीसदी पद ही भरे : सहायक शिक्षक (नर्सरी) के 925 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 460 पर नियमित शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही 465 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह सहायक शिक्षक (प्राइमरी) के 2034 पद खाली पड़े हैं। कला, पुस्तकालय और गृह विज्ञान के क्रमश: 439, 202 और 399 पद खाली पड़े हैं।
पीजीटी की भी भारी कमी : सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं के पीजीटी की भी भारी कमी है। अंग्रेजी के पीजीटी शिक्षकों के 42 पद खाली पड़े हैं।

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