उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। शिक्षा मित्र समायोजन रद्द होने के बाद रिक्त हुए पदों को भरने के लिए राज्य सरकार ने दो चरणों में भरने का निर्णय लिया। प्रथम चरण में 68500 शिक्षक भर्ती का आयोजन किया। दूसरे और अंतिम चरण में 69000 शिक्षक भर्ती के लिए 6 जनवरी को लिखित परीक्षा सम्पन्न हुई, जिसमें परीक्षा विज्ञापन में कोई उत्तीर्णांक घोषित नहीं किया गया था परंतु लिखित परीक्षा के एक दिन बाद राज्य सरकार ने आदेश जारी कर 60-65 प्रतिशत उत्तीर्णांक रख दिया गया था। जिससे शिक्षामित्रों काफी नाराज हुए क्योंकि उच्चतम न्यायालय द्वारा इनको दो भर्तियों में ही उम्र में छूट एवं भारांक देने का आदेश था। शिक्षामित्रों के लिए 69000 शिक्षक भर्ती आखिरी मौका था। राज्य सरकार के कटऑफ वाले आदेश के खिलाफ न्यायालय में चुनौती दी गई, , जिसका निर्णय 29 मार्च को आया था। जिसमें न्यायाधीश ने सरकार के 7 जनवरी के आदेश को रद्द करते हुए भर्ती पहली भर्ती 68500 की शर्तों पर जिसमें उत्तीर्णअंक 40-45 प्रतिशत था,पर 3 माह के अन्दर पूर्ण करने को कहा
मनीष कुमार राय : 69000 शिक्षक भर्ती में आया फैसला मनीष कुमार राय ने इसे न्याय की जीत बताते हुए कहा कि ऐसी कोई परीक्षा नहीं होती जिसमें परीक्षा के एक दिन बाद उत्तीर्णअंक निर्धारित किया जब एक ही भर्ती के दो चरण और दोनों के नियम अलग -अलग नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस आदेश से राज्य के 25 हजार शिक्षामित्रों को लाभ मिलेगा।
राकेश यादव : राकेश यादव ने प्रदेश की सरकार से मांग की है कि जिस तरह प्रथम चरण की शिक्षक भर्ती में उक्त खंडपीठ के अंतरिम आदेश का पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की, उसी तरह खंडपीठ द्वारा दिये गए इस अन्तिम निर्यण का पालन करते हुए तत्काल भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए जिससे नये शैक्षिक सत्र में प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी दूर हो सके