इलाहाबाद: चौंकाने वाला नहीं, यह बात नए साल में हकीकत में बदल रही है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों के अंतर जिला तबादले पूरी तरह से सॉफ्टवेयर के जरिये हैं। आवेदन के बारे में स्थानांतरण सूची जारी करने का आधार कंप्यूटर में दर्ज रिकॉर्ड होंगे। इसमें किसी तरह का उपयोगकर्ता परिवर्तन संभव नहीं होगा। विशेष बात यह है कि शिक्षकों को अपने संबंध में जो जानकारी दर्ज होगी, वही हस्तांतरण करने का सबसे बड़ा कारक होगा। इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का अंतर जिला तबादला करने का संकेत जारी किया गया है। अब नए साल में जनवरी के दूसरे पखवारे में औसत ऑर्डर निकालने की तैयारी है। परिषद ने जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण में बीएसए के स्तर से हुई गड़बड़ियों को गंभीरता से लेने के साथ ही सबक भी सीखा है। उनका रिपव न होने पाया इसलिए जनवरी के पहले पखवारे में सारी तैयारी पूरी की जाएगी। मसलन, शिक्षकों का डेटा आदि विधिवत जांच होगा और संतुष्ट होने पर ही आदेश जारी होगा।
यू.पी. बोर्ड ने पिछले दिनों जिस तरह से परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया है, स्थानांतरण का मॉड्यूल लगभग वैसा है। इसमें जिला विद्यालय निरीक्षकों ने आंकड़े भरे थे, इसमें शिक्षक ब्योरा करेंगे। परिषद इसको लेकर सावधानी है कि परीक्षा केंद्र निर्धारण की जैसी खामियां तबादलों में न होने पाई गई। परधानिया स्कूलों के अंतर जिला तबादले के लिए शासन ने जून में शासनादेश जारी किया है के के अनुरूप शिक्षकों को वेटेज मिलेगा और दिव्यांग, महिला, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि को भविष्यवाणी दी जाएगी।
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