इलाहाबाद- नया साल बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के लिए खुशिया लेकर आने वाला है। नए साल में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को अपने गृह या पसंदीदा जिले में जाने का मौका मिलने जा रहा है। तबादलों की तैयारियों में एक पेंच फंसा है जो दंपती सरकारी सेवा में है उनका क्या किया जाये। शासनादेश के अनुसार जो शिक्षक पांच साल की सेवा पूरी कर चुके है उनको ही अंतर जिला तबादले का लाभ देने के निर्देश हैं, जबकि दंपती समय सीमा का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद को हाईकोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। बेसिक शिक्षा परिषद ने पूरा मामला शासन को भेज दिया है, अब वहीं से इस मामले का निस्तारण होगा।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों का अंतर जिला तबादले का शासनादेश जून माह में ही जारी हो चुका है। जिन अध्यापकों की सेवा पांच वर्ष पूरी हो गई है उनको ही इस अंतर जिला स्थानांतरण का लाभ देने के निर्देश हैं। असल में, परिषद ने शासनादेश जारी होने के बाद पहले जिले के अंदर शिक्षकों का समायोजन और फिर स्थानांतरण करने का आदेश दिया। उसके बाद अंतर जिला तबादला करने की तैयारी थी। जिले के अंदर स्थानांतरण और समायोजन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया रोक लगा दी। तब से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। नया शैक्षिक सत्र पूरा होने के पहले ही परिषद अंतर जिला तबादले करने जा रहा है। इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
दंपती को लेकर फंसा पेंच: इस स्थानांतरण प्रक्रिया में दंपती पेंच अभी भी फंसा है। सरकारी सेवा वाले पति-पत्नी शासनादेश की समय सीमा का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नियुक्ति की नियमावली में दोनों को साथ या फिर आसपास रखने के निर्देश हैं ऐसे में पांच वर्ष उन्हें कैसे दूर रखा जा सकता है। यही नहीं कार्मिकों की नियुक्ति नियमावली में भी दंपती को साथ रखने का स्पष्ट उल्लेख है। वहीं, शासन ने भी दिव्यांगों और सेना के कार्मिको को तय समय से छूट दे रखी है, अब सरकारी सेवा के सभी दंपती यह लाभ चाह रहे हैं।
शासनादेश का उल्लंघन नहीं कर सकते ऐसा परिषद की ओर से कहा गया। तब तमाम शिक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने नियुक्ति नियमावली के तहत इनका प्रकरण सुलझाने का निर्देश दिया है। परिषद ने हाईकोर्ट से मिले करीब 300 प्रकरणों को शासन में भेज दिया है, अब वहीं से इस प्रकरण का निस्तारण होगा। ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही शासन यह गुत्थी सुलझाएगा।