कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए सीबीएसई स्कूलों जैसा माहौल बनाने का खाका तैयार किया गया है। इसके तहत सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में चाइल्ड फ्रेंडली एलीमेंट लगाए जाने की योजना है। इसमें कक्षाओं की दीवारों पर जानवर, काटरून व अन्य शिक्षाप्रद पेंटिंग बनाने के साथ कक्षाओं के बाहर छोटे-छोटे झूले जैसे, घोड़ा गाड़ी व हाथी गाड़ी आदि रखे जाएंगे। इसके अलावा बच्चों की एक्स्ट्रा एक्टिविटी के लिए स्कूल परिसर में टीन शेड डालकर एक्टिविटी एरिया भी तैयार किया जाएगा। जिले में करीब 2500 सरकारी स्कूल हैं। इनमें लगभग 735 जूनियर हाईस्कूल व 1774 प्राइमरी स्कूल हैं। इस योजना में 20 हजार रुपये प्रति प्राइमरी स्कूल व 30 हजार रुपये प्रति जूनियर हाईस्कूल के हिसाब से करीब छह करोड़ रुपये बजट की मांग की गई है।
शिक्षा विभाग ने इसके लिए फरवरी 2017 में शासन को बजट का प्रस्ताव भेजा है। अफसरों ने उम्मीद जताई है कि जुलाई तक इस संबंध में बजट जारी हो सकता है। विभाग का मानना है कि जब सीबीएसई की तर्ज पर नया सत्र एक अप्रैल से शुरू करते हैं तो बच्चों को स्कूल में माहौल भी सीबीएसई स्कूलों की तरह ही मिले। बीएसए धीरेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसी योजना है, इसके लिए बजट का प्रस्ताव भी भेजा है। मौजूदा प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों पर काफी ध्यान दे रही है। उम्मीद है कि जुलाई तक बजट मिल जाए।
छह करोड़ रुपये का मांगा बजट, जुलाई तक हो सकता है जारी शिक्षाप्रद पेंटिंग और हाथीगाड़ी – घोड़ागाड़ी जैसे झूले होंगे आकर्षण .