प्रयागराज : यूपीटीईटी 2021 का प्रश्नपत्र आउट होने पर परीक्षा रद होने से हुई बदनामी को देखते हुए इस बार परीक्षा केंद्रों में व्यापक स्तर पर बदलाव किया जा रहा है। प्रस्तावित परीक्षा के लिए केंद्रों के निर्धारण और परीक्षा को शुचितापूर्ण कराने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को उत्तरदायी बनाया गया है।
सर्वप्रथम राजकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों/महाविद्यालयों के साथ सीबीएसई एवं आइसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त अच्छी ख्याति के विद्यालयों को ही केंद्र बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि जिन जनपदों में विश्वविद्यालय हैं, वहां सहमति लेकर भी केंद्र बनाएं। सभी जिलाधिकारी को शासन की ओर से भेजे गए पत्र में स्मरण कराया गया है कि 28 नवंबर को होने वाली यूपीटीईटी को प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण निरस्त कर दिया गया था।
अब आगामी इस परीक्षा को सफलतापूर्वक, शुचितापूर्ण और नकल विहीन कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए परीक्षा केंद्रों का निर्धारण शुचितापूर्ण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। निर्देश दिए गए हैं कि जहां सामूहिक नकल कराने या प्रश्नपत्र आउट कराए जाने की शिकायतें पूर्व में रही हैं, उन शिक्षण संस्थाओं को कदापि केंद्र नहीं बनाया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षकों से परीक्षा केंद्रों का परीक्षण कराया जा रहा है।
500 से कम क्षमता वाले विद्यालय नहीं बनेंगे केंद्र
जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि 500 व उससे अधिक परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता वाले विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को ही केंद्र बनाया जाए। पुनरावलोकन / परीक्षण किए जाने के बाद केंद्रों में परिवर्तन की स्थिति में संशोधित परीक्षा केंद्रों की सूची परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को अनिवार्य रूप से प्रेषित की जाए।
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