प्राइवेट स्कूलों की फीस और महंगी स्टेशनरी से परेशान लोगों को जीएसटी लागू होने के बाद कोई राहत नहीं मिलने वाली है। जीएसटी लागू होने के बाद स्टेशनरी के सभी सामान, स्कूल बैग, पेन और अन्य सामानों पर 12 से 28 फीसदी तक का टैक्स लगेगा। अभी तक इनमें से 80 फीसदी सामान 5% टैक्स के दायरे में आ रहे थे। अब जीएसटी लागू होने के बाद इनके दाम में काफी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में पैरंट्स पर बोझ बढ़ना तय है।
लखनऊ स्टेशनरी विक्रेता एवं निर्माता असोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि जीएसटी लागू होने से काफी नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि इसको लेकर देश भर में स्टेशनरी कारोबारी विरोध करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही कुछ स्कूल प्रबंधक सिंडिकेट चला रहे है, जो महंगें दाम पर बच्चों को स्टेशनरी सप्लाई कर रहे हैं। जीएसटी लागू होने के बाद तो उन पर और बोझ बढ़ जाएगा।
अभिभावक संघ ने जताई निराशा : अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि सरकार समान शिक्षा प्रणाली की बात करती है लेकिन स्टेशनरी का सामान महंगा करती जा रही है। अगर सरकार आम आदमी की जरूरतों का सामान इतना महंगा कर देगी तो उसे राहत कौन देगा।
स्कूल बैग का ‘बोझ’ बढ़ाएगा जीएसटी
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