बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की नियुक्ति में जमकर खेल हुआ है। मामले की शिकायत होने पर पिछले तीन साल के दौरान पूरे प्रदेश में हुई नियुक्ति की जांच की जा रही है। अकेले लखनऊ में 14 स्कूलों के वेतन रोक दिए गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर महीने करोड़ों का खेल किया जा रहा है।
सूबे में तकरीबन तीन हजार अनुदानित स्कूलों में तीन साल पहले नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी। बेसिक शिक्षा अधिकारियों के अनुमोदन पर नियुक्ति होनी थी। लिहाजा स्कूल प्रबंधकों ने बीएसए से साठगांठ कर मनमानी नियुक्ति कर ली। कुछ दिन पहले लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग की बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने इस पर काफी नाराजगी जताई थी। इसके बाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने यू-डायस डाटा देखा तो कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। किसी स्कूल में सिर्फ 11 या 16 बच्चों को पढ़ाने के लिए 4-4 शिक्षक हैं तो कहीं पंजीकृत बच्चों से भी अधिक बच्चों को मिड डे मील देने का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। अब पूरे प्रदेश के अनुदानित स्कूलों की जांच की जा रही है।
कमेटी ऑफ नागेश्वर प्रसाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवरिया की ओर से दायर याचिका में बेसिक शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में जुलाई में हलफनामा लगाया था कि विभाग की वेबसाइट पर शिक्षकों एवं कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या एवं रिक्त पदों आदि की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। लेकिन तीन महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ।
जिले 106 अनुदानित स्कूलों में भी मनमानी: जिले के 106 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में भी नियुक्ति के नाम पर खूब मनमानी हुई है। रामकली विद्यालय करछना में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता की जांच संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन कर रही हैं।
2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों की हो रही जांच: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 2010 के बाद हुई सहायक अध्यापकों की तकरीबन एक दर्जन नियुक्तियों की जांच चल रही है। अपर जिला मजिस्ट्रेट नजूल जीएल शुक्ला की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी में मंडलीय सहायक बेसिक *शिक्षा निदेशक रमेश तिवारी व अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम को सदस्य बनाया गया है। टीम ने 27 अक्तूबर को बीएसए कार्यालय पहुंचकर प्रत्येक नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग, चयन, नियुक्ति कार्रवाई की मूल पत्रावली, अभ्यर्थियों की अनुमोदित सूची, काउंसिलिंग की वर्गवार सूची व काउंसिलिंग में उपस्थित, नियुक्त एवं कार्यभार ग्रहण करने वाले अभ्यर्थियों के रिकार्ड की पड़ताल की थी।
2010 के बाद प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 4280 उर्दू, 10000, 15000, 16448, 3500 उर्दू, 12460 और हाल में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई है।