अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2003 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के प्रश्न पत्र पर गंभीर सवाल उठे हैं। 11 फरवरी को संशोधित अंतिम उत्तरकुंजी देखकर ऐसा लग रहा है कि हाईस्कूल फेल विशेषज्ञों ने इस भर्ती का पेपर बनाया है।
उदाहरण के तौर पर गणित विषय के प्रश्नपत्र को ही लें। 47 विषयों के लिए तीन चरणों में हुई लिखित परीक्षा में कुल 100-100 प्रश्न पूछे गए थे जिसमें मुख्य विषय के 70 और सामान्य अध्ययन के 30 प्रश्न थे। गणित विषय की अंतिम उत्तरकुंजी में मुख्य विषय के 70 प्रश्नों में से 18 को डिलीट करना पड़ा, जबकि बहुविकल्पीय प्रकार के पांच प्रश्न ऐसे हैं जिनके एक से अधिक जवाब को विशेषज्ञों ने सही माना है। सामान्य अध्ययन का भी एक प्रश्न निरस्त किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 70 में से 23 सवालों (32.85 प्रतिशत) का निरस्त होना या एक अधिक विकल्प सही होना पूरी चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि जिन छात्रों ने हटाए गए प्रश्नों को किया ही नहीं उन्हें तो इसका विशेष नुकसान नहीं पर जिन्होंने उन्हीं प्रश्नों पर अपना अमूल्य समय खोया है वे 40 से 50 के बीच लटक गए हैं।
संशोधित उत्तरकुंजी से असंतुष्ट
यही नहीं गणित विषय के अभ्यर्थी संशोधित अंतिम उत्तरकुंजी से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि कई सही सवालों को हटा दिया गया है और कई गलत सवाल अब भी सही माने गए हैं।
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