यूपी के मथुरा जिले में परिषदीय विद्यालयों में नौकरी अपने वाले 26 शिक्षकों का उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रोक दिया है.
इससे पहले फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने वाले 33 शिक्षकों का वेतन रोका जा चुका है. आपको बता दे कि 2004-05 में बीएड की डिग्री के आधार पर परिषदीय स्कूलों नौकरी पाने वालों शिक्षकों की जाँच एसआईटी (विशेष जांच दल) कर रहा है. एसआईटी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 4,700 से अधिक छात्रों के बीएड की डिग्री को फर्जी घोषित किया गया था.
2018 के दौरान मथुरा में 59 लोगों को परिषदीय विद्यालयों में नौकरी मिली थी. इसमें से 33 की डिग्री पूरी तरह से फर्जी पाई गईं, जबकि 26 डिग्रियों में छेड़छाड़ की गई थी. बेसिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर पहले इन सभी को निलंबित किया. फिर इनको ससपेंड कर दिया. इस मामले में अदालत ने बर्खास्तगी को खारिज करते हुए वेतन देने के आदेश दिए
कोर्ट के नए आदेश के अनुसार बीएसए ने वित्त एवं लेखाधिकारी और सभी खण्ड शिक्षाधिकारियों को डिग्री के साथ छेड़छाड़ करने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं.