प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के सहायक अध्यापक चयन में एक नहीं दो रिजल्ट अधर में अटक गए हैं। 69 हजार शिक्षक भर्ती के परिणाम पर हाईकोर्ट ने स्थगनादेश दिया है। वहीं, 68500 शिक्षक भर्ती का दूसरा रिजल्ट जारी होने का नाम ले रहा है। यह रिजल्ट दिसंबर के अंत तक आना था लेकिन, जनवरी में भी आएगा या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं है। इस भर्ती के चयनित अभ्यर्थी परीक्षा संस्था के सामने निरंतर आंदोलन कर रहे हैं।
योगी सरकार ने परिषदीय स्कूलों के लिए लिखित परीक्षा की पहल करके दो शिक्षक भर्तियां कराई हैं और दोनों पूरी होने से पहले ही नियमों में उलझी हैं। जहां 69 हजार शिक्षक भर्ती का कटऑफ अंक लिखित परीक्षा के बाद जारी होने से रिजल्ट घोषित करने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। वहीं, 68500 शिक्षक भर्ती में मुख्यमंत्री के निर्देश पर करीब 34 हजार उत्तर पुस्तिकाओं का पुनमरूल्यांकन बिना शुल्क लिए कराया गया है। दोबारा कॉपी जांचने का कार्य एससीईआरटी ने पूरा कर दिया है। अब रिजल्ट घोषित होने की राह देखी जा रही है। अहम बात यह है कि 68500 शिक्षक भर्ती के परिणाम में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे थे, कई अफसरों पर कार्रवाई हुई। वहीं, ऐसे अभ्यर्थी रिजल्ट में फेल कर दिए गए, जो कॉपी पर उम्दा अंकों से उत्तीर्ण थे। इन अभ्यर्थियों को विभाग अब तक नियुक्ति नहीं दे सका है। यह जरूर है कि सीएम के दखल पर शासन ने उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट के आधार पर 51 अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का आदेश पांच अक्टूबर 2018 को ही जारी किया।
परीक्षा संस्था ने 23 अक्टूबर को 51 में से 45 अभ्यर्थियों की सूची बेसिक शिक्षा परिषद भेज दी। परिषद ने उन चयनितों को नियुक्ति जल्द देने का पत्र भी दिया है लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि नियुक्ति आखिर मिलेगी कब? पीड़ित अंकित वर्मा व अन्य परीक्षा संस्था के सामने लगातार धरना देकर रिजल्ट घोषित करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा संस्था की गलती से वह धरना देने को मजबूर हैं, यह बात शासन की जांच में साफ हो चुकी है, फिर भी रिजल्ट देने में आनाकानी की जा रही है। उनकी यह भी मांग है कि नियुक्ति पांच सितंबर से ही दी जाए, या फिर विभाग बताए कि ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता और इसमें उनका दोष क्या है?
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