योगी सरकार ने 41 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में जो तत्परता दिखाई, बेसिक शिक्षा अधिकारी उस पर पानी फेरने को आमादा हैं। यही वजह है कि नियुक्ति पाने के तीन माह बाद भी उन्हें वेतन भुगतान नहीं हो सका है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने इस संबंध में तीन बार पत्र भी भेजे लेकिन, जिलों से अभिलेखों का सत्यापन कराने के लिए पत्रवलियां अब तक भेजी नहीं गई हैं। यह जरूर है कि अभ्यर्थियों से लिफाफे मंगाकर सत्यापन कराने की तैयारियां हो गई हैं।
प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का शासनादेश जनवरी में जारी किया। 27 मई को लिखित परीक्षा और 13 अगस्त को रिजल्ट घोषित किया। उसके 22 दिन बाद शिक्षक दिवस के मौके पर पांच सितंबर को सभी जिलों में नियुक्ति पत्र बांटे गए। सरकार ने करीब आठ महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर दी। हालांकि पुनमरूल्यांकन आदि अब भी चल रहा है। लेकिन, जिन 41 हजार को शिक्षक पद पर नियुक्ति मिली उन्हें वेतन पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। जिस तरह से कार्यवाही चल रही है, उसमें अगले वर्ष यानी 2019 में ही वेतन मिलने के आसार हैं।
25 अक्टूबर का पत्र भी बेअसर : बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने 25 अक्टूबर को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा कि नवनियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन जल्द करा लिया जाए। यह भी निर्देश दिया कि संबंधित संस्था को पत्रवली न भेजे, बल्कि बीएसए खुद संपर्क करके तेजी से सत्यापन पूरा कराएं, ताकि वेतन निर्गत किया जा सके। अब तक तीन पत्र जारी हो चुके हैं।
समीक्षा बैठक व वीडियो कांफ्रेंसिंग में निर्देश : बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक पांच दिसंबर को हुई, इसमें यह मुद्दा उठा। कहा गया कि विश्वविद्यालय में सत्यापन के लिए शुल्क कौन देगा, इस पर अभ्यर्थी से लेने पर सहमति बनी। इसके बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जिन अभिलेखों का सत्यापन ऑनलाइन हो सकता है, वह पूरा करें, बाकी सत्यापन के लिए भेजे। इसी बीच बेसिक शिक्षा परिषद सचिव रूबी सिंह ने भी पत्र जारी किया है।
You may Like