प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की होने जा रही भर्ती बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारीयों की लापरवाही के कारण विवादों में पड़ सकती है। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए लिखित परीक्षा का शासनादेश जारी हो चुका है, लेकिन अभी तक अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में जरूरी संशोधन नहीं हुए हैं। अध्यापक सेवा नियमावली में पिछले साल 9 नवम्बर को 20वां संशोधन किया गया था, लेकिन उस संशोधन में भी कई अहम बिन्दु छूट गए हैं। पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुसार शामिल नहीं किया गया है। एनसीटीई की 23 अगस्त 2011, 29 जुलाई 2011 और 12 नवम्बर 2014 की अधिसूचना के अनुसार चार वर्षीय बीएलएड, डीएड, डीएड (विशेष शिक्षा) कोर्स बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए मान्य है लेकिन अध्यापक सेवा नियमावली में इनका जिक्र नहीं है।
नौ नवम्बर को संशोधित अध्यापक सेवा नियमावली में शिक्षक भर्ती के लिए मेरिट निर्धारण का जो फामरूला दिया गया है। उसमें प्रशिक्षण योग्यता की जगह बीटीसी लिखा है। जबकि शासनादेश में बीटीसी के साथ ही डीएड, चार वर्षीय डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में आवेदन के योग्य माना गया है। अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने 17 नवम्बर के आदेश में एनसीटीई से मान्य सभी कोर्स नियमावली में शामिल करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका।
अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में इस प्रकार की गड़बड़िओं से विभिन्न भर्तियों का विवाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सालों चला। प्राथमिक स्कूलों में विभिन्न सहायक अध्यापक भर्ती के साथ ही उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान व गणित के 29334 शिक्षकों की नियुक्ति का विवाद हाईकोर्ट में चला। इन भर्तियों में विवाद की जड़ नियमावली ही रही।