यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में एक ही प्रमाणपत्र पर पांच जिलों में नौकरी करने का मामला सामने आया है. समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने इस मामले की जांच मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक रमेश तिवारी को सौंपी है. जांच के बाद आरोपी शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.प्रयागराज में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पूर्णकालिक शिक्षिका के करीब दो दर्जन पदों पर सितंबर 2019 में भर्ती हुई थी. प्रयागराज समेत पांच जिलों में नौकरी करने का मामला है.
केजीबीवी सोरांव में भी इसी प्रमाणपत्र पर विज्ञान शिक्षिका के रूप में 22 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर चयन हुआ था. प्रयागराज के अलावा अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, बागपत और अलीगढ़ में भी इसी नाम से विज्ञान शिक्षिका की नियुक्ति हुई है. बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि सितंबर में नियुक्ति के बाद मानदेय जारी करने से पहले सत्यापन के लिए भेजा था. मार्च में मानदेय जारी होने से पहले ही इसकी जानकारी हो गई तो भुगतान रोक दिया गया. इसके बाद लॉकडाउन हो गया. जानकारी मिली है कि यह शिक्षिका होली के आसपास से स्कूल नहीं गई है.
अन्य जिलों में भी हो सकता है फर्जीवाड़ा
एक ही प्रमाणपत्र पर कई जिलों में नियुक्त के मामले में और खुलासा हो सकता है. अन्य जिलों में भी इस नाम की शिक्षिका की नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता. माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे बड़ा रैकेट है.
इनका कहना है
मार्च में प्रकरण की जांच मिली थी. बेसिक शिक्षा अधिकारी से उक्त शिक्षिका के दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है ताकि जांच पूरी की जा सके. रमेश तिवारी, मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक