प्रेरणा एप को लेकर शिक्षकों का विरोध जारी है। हालांकि इसी बीच शिक्षामित्रों ने राज्य सरकार को राहत दी है। शिक्षामित्रों ने प्रेरणा एप पर उपस्थिति दर्ज कराने की हामी भरी है।अभी तक एप को एक लाख शिक्षकों-शिक्षामित्रों ने ही डाउनलोड किया है। शिक्षक ने सेल्फी भेजकर उपस्थिति दर्ज कराने से किया इंकार
एक ओर जहां शिक्षकों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी ओर शिक्षामित्रों ने सरकार को आश्वस्त किया है कि शिक्षकों के तालाबंदी या विरोध के कारण स्कूल बंद नहीं होंगे।
शिक्षामित्रों ने निदेशक से की मुलाकात: वहीं शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद से मुलाकात कर पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि शिक्षामित्रों स्कूलों का संचालन करेंगे और प्रेरणा एप से उपस्थिति भी दर्ज कराएंगे। शिक्षामित्रों के चलते कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। वहां मिड-डे मील भी बनेगा और पढ़ाई भी होगी।
प्रेरणा एप एक लाख शिक्षकों ने किया डाउनलोड, 1-5 की रेटिंग: गूगल प्ले पर मौजूद इस एप को अभी तक लगभग एक लाख शिक्षकों-शिक्षामित्रों ने ही डाउनलोड किया है। जबकि बेसिक शिक्षा विभाग बराबर यह तर्क दे रहा है कि इस एप के जरिये 5.5 लाख शिक्षकों, अनुदेशकों और शिक्षामित्रों की हाजिरी हो सकेगी। इसके जरिये ही शिक्षकों व अन्य को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी और भ्रष्टाचार से निजात मिलेगी लेकिन एप डाउनलोड करने वालों की संख्या अभी कम है। वहीं इसकी समीक्षा (रिव्यू) भी निराश करने वाली है। इस एप को लगभग 4300 लोगों ने 1.5 की रेटिंग दी है और कहा है कि इस एप के जरिये हाजिरी भेजने में दिक्कत आ रही है। कई बार फोन हैंग हो रहा है और एप ठीक से काम नहीं कर रहा। वहीं थर्ड पार्टी से एप बनवाने की वजह से डाटा चोरी की आशंका भी जताई जा रही है।
शिक्षक दिवस पर सरकार ने जारी किया था एप, अभी तक इसको एक लाख लोगों ने डाउनलोड किया है
रेटिंग एप को अभी तक मिली
लाख शिक्षकों, अनुदेशकों और शिक्षामित्रों के लिए है प्रेरणा एप
सरकारी स्कूलों में शिक्षक दिवस के मौके पर प्रेरणा एप लांच किया गया था। इसमें शिक्षकों को अपनी सेल्फी भेज कर उपस्थिति दर्ज करानी है। सरकार का मानना है कि इससे विद्यालयों पढ़ाई बेहतर होगी।वहीं सरकार के इस कदम से शिक्षकों में नाराजगी व्याप्त है।शिक्षक लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सेल्फी से उपस्थिति भेजने से इनकार किया है। इसके साथ ही कई शिक्षक प्रेरणा एप के विरोध में अजीबोगरीब तर्क देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। विंध्य क्षेत्र के एक शिक्षक ने पत्र लिख कर बताया है कि उनके भ्रमणभाषक यंत्र (मोबाइल) में आंतरिक तकनीकी विषाणु संक्रमण (वायरस) आने के कारण उसमें क्रियाशील मृदुउपागम (सॉफ्टवेयर) दोषयुक्त हो गया है। इसके ठीक होने तक खुदखेंचु प्रेषण (सेल्फी भेजना) संभव नहीं है। कई दूसरे शिक्षक भी एप से बचने के लिए तर्क दे रहे हैं। 11 सितम्बर को इस एप के विरोध में स्कूलों की तालाबंदी को लेकर शिक्षकों ने अभियान छेड़ा है। हालांकि शिक्षामित्रों का समर्थन न मिल पाने की वजह से उनका अभियान विफल हो गया है।