प्रदेश के तीन भर्ती संस्थान एक छत के नीचे आ रहे हैं। उसका नाम और काम भी तय हो चुका है, लेकिन उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग मूर्तरूप कब लेगा, यह तस्वीर अभी साफ नहीं है। वजह, तीनों संस्थान उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र फिलहाल अपनी रफ्तार में चल रहे हैं।
शासन ने उच्चतर आयोग की नई प्राचार्य भर्ती को आगे बढ़ाने से रोका तो उम्मीद जगी कि नया आयोग मार्च या फिर अप्रैल से संचालित होगा। उच्चतर आयोग में इन दिनों साक्षात्कार चल रहे हैं, हालांकि उन्हें इसी माह पूरा करने के निर्देश हैं। इसी बीच चयन बोर्ड ने 2016 के प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों के साक्षात्कार पांच अप्रैल तक कराने का घोषित किया है। ज्ञात हो कि चयन बोर्ड में जनवरी से ही इंटरव्यू शुरू हुए हैं और अब तक सभी विषयों का कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है। ऐसे में नए आयोग के संचालन में विलंब हो सकता है, क्योंकि प्रयागराज में आयोग का मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के दफ्तर में ही होना है। इसके लिए वहां पहले से चल रही भर्तियों का पूरा होना जरूरी है।
तीसरा भर्ती संस्थान परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र में हलचल थमी है। कुछ दिन पहले उसे अशासकीय जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक चयन का जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन शासन ने यह भी निर्देश दिया है कि नया आयोग गठित होते ही उसे इस भर्ती का कार्य सौंप दिया जाए। यदि नया आयोग अप्रैल माह में अमल में आता है तो संभव है कि उसकी शुरुआत जूनियर स्कूलों की भर्ती से ही हो, क्योंकि अभी जिलों से रिक्त पद नहीं मिले हैं और न ही चयन की नियमावली तय हुई है।
अध्यक्ष और सदस्यों का चयन बाकी
नए आयोग में अध्यक्ष व सात सदस्यों का चयन होना है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अफसरों की सर्च कमेटी सभी का चयन करेगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे, यह कार्य शुरू होना शेष है।
लग चुकी मंत्रिमंडल की मुहर
प्रदेश के बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों व कर्मचारियों की भर्ती के लिए उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित हो रहा है। इस पर मंत्रिमंडल की मुहर लग चुकी है। नियमावली भी तैयार करके उसके अनुमोदन के लिए भेजा गया है। चर्चा थी कि यह आयोग मार्च में पूरी तरह से क्रियाशील होगा। हालांकि एक मार्च से उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2019 लागू करने के लिए अधिसूचना जारी करने की तैयारी है।
एक मार्च को प्राचार्य भर्ती की लिखित परीक्षा की पूरी तैयारी है। भर्ती रोकने या फिर नए आयोग के गठन के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला है। डॉ. वंदना त्रिपाठी, सचिव उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग