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राठौर ने बताया कि शासन ने नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों, जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन होने के बाद ही वेतन जारी करने की शर्त रखी है। लेकिन करीब नियुक्ति के चार से छह महीने बाद भी सत्यापन की कार्यवाही पूरी नहीं होने से शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी दस्तावेज सत्यापन के नाम पर हीलाहवाली कर रहे है। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों कोआर्थिक तंगी का सामाना करना पड़ रहा है।