प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों का चयन नहीं हो पा रहा है और न ही प्रधानाचार्यो की भर्ती शुरू हो पा रही है, जिसके कारण प्रदेश के सहायताप्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में पढ़ाई चौपट है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 30 अगस्त को ही शासन को भेजे प्रस्ताव में कहा कि भर्तियों के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र को जिम्मेदार बताया लेकिन बोर्ड इस पर कुछ नहीं बोल पा रहा है। इसलिए प्रधानाचार्य पद पर तदर्थ रूप से कार्यरत शिक्षकों को नियमित किया जाए। प्रधानाचार्य भर्ती 2013 का विज्ञापन निरस्त करने का आदेश जारी हो। कानपुर मंडल में साक्षात्कार कराया जाना अभी शेष है इसलिए वह प्रक्रिया पूरी कराई जाए। यह प्रस्ताव एक माह से शासन में विचाराधीन है, उस पर निर्णय नहीं हो सका है।
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