लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग पर 12 नवंबर को होने जा रही उच्चस्तरीय शासकीय समिति की बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए कर्मचारी नेता मजबूत तर्क जुटा रहे हैं। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के पदाधिकारियों ने कुछ ऐसी कंपनियों का ब्योरा एकत्र किया है,जिनमें कर्मचारियों की पेंशन का पैसा लगाए जाने के बाद कंपनी घाटे में चली गई तो कर्मचारियों के हिस्से की रकम भी कम हो गई।
मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि नई पेंशन योजना के जिस खतरे को लेकर प्रदेश के लाखों कर्मचारी आशंकित हैं, उसकी झलक अभी से ही दिखाई देने लगी है। यह जोखिम पेंशन के अंशदान के तौर पर एकत्र होने वाली रकम के असळ्रक्षित निवेश को लेकर है। कर्मचारी नेताओं ने रकम डळ्बोने वाली कंपनियों को चिह्न्ति करने के साथ ही कळ्छ ऐसे कर्मचारियों के मामले भी एकत्र किए हैं, जो नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियमित किए गए और अब सेवानिवृत्त भी हो गए हैं। इन कर्मचारियों को पेंशन के तौर पर मिली कम रकम के आंकड़े भी शासन के साथ होने वाली बैठक में रखे जाएंगे।
मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि पळ्रानी पेंशन बहाली के लिए शासकीय समिति से 24 दिसंबर तक रिपोर्ट हासिल करने के लिए वह पहली बैठक में ही अपनी बात पूरी तैयारी के साथ रखने जा रहे हैं। पिछले महीने इसी मळ्द्दे पर हड़ताल करने जा रहे कर्मचारी व शिक्षक इसी शर्त पर रुके थे कि उनकी मांग पर विचार करने के लिए अपर मळ्ख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी और यह समिति दो महीने में 24 दिसंबर तक रिपोर्ट दे देगी। कर्मचारी नेताओं ने भी निर्धारित अवधि में रिपोर्ट आने की उम्मीद जताई है।
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