लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सोमवार को जारी किए गए श्वेतपत्र-2017 में शैक्षिक बदहाली के सरलिए पूर्ववर्ती कारों को विभिन्न वजहों से कठघरे में खड़ा किया गया है।
बेसिक शिक्षा : श्वेत पत्र के मुताबिक पांच वर्षों में परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्रओं की संख्या में 23.62 लाख की कमी आई है। यह इस बात का प्रमाण है कि बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। शिक्षकों की तैनाती भी बेतरतीब रही। विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में 65,597 शिक्षक छात्र-संख्या के मानक से अधिक हैं जबकि 7,587 विद्यालय इक
माध्यमिक शिक्षा: श्वेत पत्र के अनुसार भर्ती न हो पाने के कारण माध्यमिक विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझते रहे। शिक्षक भर्ती में पारदर्शिता का अभाव था। भर्ती और तबादलों में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला था। न तो शैक्षिक पाठ्यक्रमों का पुनरीक्षण हुआ, न ही विद्यालयों का आधुनिकीकरण। विद्यार्थियों को अंग्रेजी में दक्ष करने की व्यवस्था नहीं थी। इसका खमियाजा छात्रों ने भुगता। राजकीय बालक विद्यालयों में बालिकाओं के प्रवेश का प्रावधान नहीं था। नकल पर भी अंकुश नहीं था।
उच्च शिक्षा : नकल पर प्रभावी नियंत्रण न होने के कारण गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। कालेजों को मान्यता देने में पक्षपात हावी था। राजकीय महाविद्यालयों के सत्र नियमन की कोई व्यवस्था नहीं थी। शिक्षकों के स्थानांतरण की पारदर्शी व्यवस्था नदारद थी। निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे नहीं होते थे। इसलिए लागत बढ़ती जाती थी। एकेडमिक ऑडिट की व्यवस्था न होने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता और शोध के प्रति शिक्षकों के रुझान का मूल्यांकन नहीं हो पा रहा था।
प्राविधिक शिक्षा : वर्ष 2000 में स्थापना के बाद भी डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के पास अपना भवन नहीं था। 20 जून को विश्वविद्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण हो सका। कन्नौज, मैनपुरी और सोनभद्र में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना में निर्माण कार्य, फर्नीचर व उपकरणों की खरीद और फैकल्टी के चयन की गति अत्यंत धीमी रही। संस्थाओं को उनके भवन परिसरों में संचालित नहीं किया जा सका।
कुछ महत्वपूर्ण लिंक्स
sarkari result.com 2022 | Sarkari Exam 2022 | Govt Job Alerts | Sarkari Jobs 2022 |
Sarkari Result 2022 | rojgar result.com 2022 | New Job Alert 2022 | UPTET 2022 Notification |