नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी विवाद का सरकार ने हल निकाल लिया है। विवाद का हल निकालने के लिए तय हुए फार्मूले की इसी हफ्ते घोषणा की जाएगी। सोमवार को संसद भवन में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात में इस विषय पर भी गंभीरता से चर्चा हुई।
सूत्रों ने बताया कि संभव है कि इसी हफ्ते मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत पिछड़ा वर्ग के कुछ नेता प्रेस कान्फ्रेंस कर सरकार के फार्मूले की घोषणा करेंगे। इसके तहत पिछड़ा वर्ग के लिए अलग से सीट सृजित की जा सकती है। अनुप्रिया बीते करीब डेढ़ साल से इस मामले को लेकर काफी मुखर रही हैं।
क्या है भर्ती विवाद ?
यूपी बेसिक शिक्षा परिषद ने साल 2019 में सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। परिणाम आने के बाद परिषद पर आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगा। शिकायतों में कहा गया कि इस प्रतियोगी परीक्षा में ओबीसी आरक्षण के नियमों को दरकिनार किया गया। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब इस संदर्भ में कई शिकायतों के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य सरकार से आरक्षण नियमों की अनदेखी के लिए जवाब मांगा।
पीएम का आशीर्वाद लेने आया
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पीएम से हुई मुलाकात के संदर्भ में कहा, राज्य में विधानसभा चुनाव हैं। हमने चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। इसी क्रम में उन्होंने पीएम का आशीर्वाद लिया है। मौर्य ने दावा किया कि पार्टी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से तीन सौ से अधिक सीटें जीतेगी। मौर्य-पीएम की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब पीएम मंगलवार को गोरखपुर में बड़ी रैली करने जा रहे हैं। इस रैली में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही राज्य के सभी कद्दावर नेता शामिल होंगे।
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