मथुरा: शिक्षक भर्ती घोटाले की पोल एक गुमनाम पत्र ने खोली थी। पुलिस को मिला यह पत्र जांच में मील का पत्थर साबित हुआ। इसके आधार पर कराई जांच में ही कारब के मास्टरमाइंड और विभागीय अधिकारियों के तार जुड़े। कारब के 44 शिक्षक कूटरचित दस्तावेज से नौकरी पाने में चिह्न्ति किए। कारब के दो मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे भी लग चुके हैं। इस पत्र को जागरण ने ही सात जून को प्रकाशित किया था। भर्ती घोटाले का जिन्न मई में ही बाहर आने लगा था, लेकिन जांच के लिए कोई ठोस आधार नहीं मिल रहा था। 30 मई को एक गुमनाम पत्र लिखकर डाक में डाला गया, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कराने को दिशा दिखाई गई। इस पत्र में कारब के चेतन सारस्वत को मास्टरमाइंड बताया गया था। पत्र में दावा किया गया कि चेतन आठ वर्ष से 10 से 15 लाख रुपये लेकर शिक्षक की नौकरी दिलाने की गारंटी लेता है।
यह भी आरोप लगाया कि चेतन ने अपने भाई, बहन, बहनोई, मौसी का लड़का आदि पांच को तो राजकीय हाईस्कूल में फर्जी तरीके से नौकरी दिलाई है। इसके बाद इसका कार्य क्षेत्र बढ़ता गया। दावा किया कि जिले में करीब 300 शिक्षकों के फर्जी शैक्षिक अभिलेख तैयार कर शिक्षक बनाया गया है। मई में हुई 216 शिक्षक भर्ती में 23 रिश्तेदारों को नौकरी दिलाई है। मास्टरमाइंड पर मथुरा से नोएडा तक करीब 10 करोड़ की अनुमानित संपत्ति है। यह पत्र डाक से दैनिक जागरण और पुलिस को प्राप्त हुआ था। जागरण ने यह पत्र प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पुलिस ने इस पत्र में दिए गए तथ्यों पर जांच की। जांच में चेतन और बीएसए कार्यालय के पटल बाबू महेश शर्मा के तार भी जुड़े।
पदभार ग्रहण कराने को दिखाए थे बैकडेट के आदेश: सात जून को जागरण में प्रकाशित की खबर ’जासं, मथुरा: गणित, विज्ञान शिक्षक भर्ती में शिक्षकों को बैक डेट में पदभार ग्रहण कराने को खंड शिक्षाधिकारियों ने प्रधानाध्यापकों दबाव बनाया था। दबाव बनाने के लिए लिखित आदेश भी दिए गए। खंड शिक्षाधिकारी राया का एक लिखित आदेश का पत्र सार्वजनिक होने से खलबली मची हुई है। यह भी जांच का विषय है कि आदेश का पत्र किन परिस्थिति में जारी किया गया। नीरा नामक एक अभ्यर्थी ने पदभार ग्रहण कराने को पूर्व माध्यमिक विद्यालय अनौड़ा राया के प्रधानाध्यापक के नाम 18 दिसंबर, 2017 को पत्र लिखा है।
इस पत्र पर खंड शिक्षाधिकारी राया की मोहर है और हस्ताक्षर हैं। वहीं स्वीटी सिंह ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय अनोड़ा के प्रधानाध्यापक के नाम 19 दिसंबर 2017 को पदभार ग्रहण कराने को पत्र लिखा है। इस पत्र पर भी खंड शिक्षाधिकारी की मोहर और हस्ताक्षर हैं। हालांकि यह पत्र किस तारीख में लिखे हैं, यह उल्लेख नहीं हैं। यह पत्र सही हैं या गलत यह भी जांच में शामिल होना चाहिए। वहीं शिक्षकों को पदभार ग्रहण कराने वाले प्रधानाध्यापक भी निलंबित किए जा चुके हैं। पत्र के संबंध में राया के निलंबित खंड शिक्षाधिकारी गिर्राज सिंह से संपर्क किया, लेकिन फोन नहीं उठाया।