सूबे के 560 एडेड मदरसा शिक्षकों को चार माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण प्रदेश के 58 जिलों में स्थापित इन मदरसों के 10 हजार शिक्षकों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। दरअसल प्रदेश सरकार ने मदरसों में खर्च होने वाले धन की जांच करा रही है।
खर्च में गड़बड़ी सामने आने पर शासन स्तर से शिक्षकों का वेतन रोका गया है। जबकि ईद में चंद दिन बचे हैं। बावजूद इसके वेतन को लेकर शासन स्तर से कोई सुगबुगाहट नहीं सुनाई दे रही है। इस संबंध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एवं प्रदेश के मुख्य सचिव को ऑल इंडिया टीचर्स मदारिस एसोसिएशन पत्र भी लिख चुका है।
संगठन के प्रवक्ता मौलाना साकिब कासमी का कहना है कि वेतन न मिलने से शिक्षकों के परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। शासन वेतन जारी कर शिक्षकों को ईद की खुशियां दे देनी चाहिए।
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी एससी तिवारी ने बताया कि शासन की ओर से मदरसों में विसंगतियों की जो रिपोर्ट मांगी गई है। इसके लिए स्कूलों के जिला निरीक्षक सहित तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। रिपोर्ट लखनऊ भेज दी गई है। जल्द ही वेतन जारी होने की संभावना है।
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