सूबे के राजकीय कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती का जिम्मा इलाहाबाद स्थित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड या लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दिया जा सकता है। अभी इन पदों पर चयन का दायित्व एडी माध्यमिक के पास है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा की ओर से शासन (संयुक्त सचिव, शिक्षा अनुभाग) को भेजे गए पत्र में मई माह में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) के सहायक अध्यापक/सहायक अध्यापिकाओं के चयन का दायित्व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग या उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में से किसी एक संस्था को दिए जाने का निर्णय लिया गया था। इस बैठक में हरियाणा के अपर मुख्य सचिव पीके दास विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर उपस्थित थे। पत्र के मुताबिक बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग के कई अफसरों की मौजूदगी में सम्यक विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया था।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस निर्णय का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी), सेवा नियमावली 1983 (यथा संशोधित) के नियम 14 एवं 15 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव भेजने की बात कही है। शासन से आग्रह किया है कि चयन बोर्ड या अधीनस्थ आयोग में से किसी एक संस्था द्वारा चयन किए जाने का निर्णय लेते हुए संबंधित नियमावली में संशोधन की कार्यवाही की जाए।
जेडी से एडी को मिला था भर्ती का दायित्व : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का दायित्व पहले संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक (जेडी) के पास था। सपा शासनकाल में नियमावली में बदलाव करते हुए यह जिम्मा अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक (एडी) को दे दिया गया था।
नौ हजार से अधिक पदों पर किया जाना है चयन; एलटी ग्रेड शिक्षकों के नौ हजार से अधिक पदों पर चयन के लिए 26 दिसंबर से 26 जनवरी 2017 तक आवेदन लिए गए। तकरीबन पांच लाख लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी।