लोकसभा चुनाव 2019 घोषणा होने के बाद कई अहम् योजनाएं सुचारु रूप से नहीं चल रही है। इसी क्रम में परिषदीय स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना भी है, जिसका विस्तारण कर 12वीं तक के विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन मुहैया कराने की तैयारी है। राज्यों के सुझाव पर केंद्र सरकार ने इसके विस्तारण का मसौदा भी तैयार कर लिया था, लोकसभा चुनाव की घोषणा ने विद्यार्थियों के आगे की थाली ही खींच ली। लोकसभा चुनाव के बाद ही उन्हें या यह सुविधा मुहैया हो सकेगी।
सभी स्कूलों में अभी आठवीं तक के छात्रों को मिड डे मील दिया जा रहा था। इससे पहले पांचवीं तक के सभी छात्रों को मिड मील दिया जाता था। राज्य सरकारों की और से लंबे समय से आ रही मांग के बाद Mid day meal scheme का विस्तार करने की तैयारी चल रही थी लेकिन लोकसभा इलेक्शन ने उस पर विराम लगा दिया है। इसमें राज्यों ने एक ही स्कूल में आधे बच्चों को दोपहर का खाना देने और आधे बच्चों को न देने का मुद्दा उठाया था। राज्यों का कहना था कि मौजूदा समय में बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां 6th से 12th तक पढ़ाई एक साथ ही होती है। इस योजना के तहत सिर्फ छठी से आठवीं तक के ही बच्चों को मिड डे मील योजना का लाभ मिलता है। ऐसे में एक ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ दोहरा बर्ताव ठीक नहीं है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार भी राज्य सरकारों के प्रस्ताव से सहमत थीं। मिड डे मील योजना को विस्तार देने की तैयारी कर ली गई थी। मंत्रलय स्तर पर इसको लेकर सारी कवायद पूरी की गई। अफसरों से लेकर मंत्री स्तर पर भी इस योजना पर चर्चा हुई। लोक सभा चुनाव होने से ठीक पहले इसको लेकर तेज़ी दिखाई गई। लेकिन इसी बीच लोक सभा सेलक्शन होने कारण आचार संहिता लागू हो गई और प्रस्ताव को चुनाव बाद तक के लिए टाल दिया गया। फिलहाल अलग-अलग टुकड़ों में बंटी स्कूलों की शिक्षा को समग्र शिक्षा के जरिये एक साथ लाने के बाद मंत्रलय के पास पैसों की पहले जैसी कमी नहीं है। इससे पहले स्कूली शिक्षा प्राथमिक, माध्यमिक, सर्व शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण जैसे अलग-अलग हिस्सों में बंटी हुई थी। सरकार ने पिछले बजट में ही इसे एक साथ करने का काम किया है।