जैसा की आप सभी जानते है कि भारत की प्रशासनिक सेवाओं में कितनी व्यस्तता रहती है। आप यह भी जानते होंगे कि एक आईएएस या आईपीएस की जिंदगी कितनी व्यस्त रहती है। उस व्यस्त जिंदगी में से कुछ समय निकाल कर बच्चों को पढ़ाना वाकई कबीले तारीफ है। आज हम आप को एक ऐसे ही आईपीएस ऑफिसर की कहानी बताने जा रहे हैं जो अपने व्यस्त समय में से कुछ समय निकाल कर बच्चो को पढ़ाता है। जिनका नाम है आईपीएस ऑफिसर संदीप चौधरी।
2012 बैच के आईपीएस ऑफिसर संदीप चौधरी जोकि दक्षिण जम्मू में एसपी पद पर तैनात है। आईपीएस संदीप चौधरी मूल रूप से पंजाब से ताल्लुक रखते है। संदीप चौधरी का हर पल व्यस्तताओं से घिरा रहता है उसके बाबजूद उस व्यस्त समय में से कुछ वक्त निकल कर वे बच्चों को पढ़ाते है। आईपीएस ऑफिसर संदीप चौधरी ने 30 मई को ‘ऑरपरेशन ड्रीम्स’ नाम से एक पहल शुरू की है जिसका मकसद उन छात्रों का मार्गदर्शन करना है जो कम्पटीशन की तैयारी कर रहे है और वो कोचिंग की मोटी फीस का खर्च नहीं उठा सकते। छात्रों का सही मार्गदर्शन कर उनके भविष्य को संवारना ‘ऑरपरेशन ड्रीम्स’ का मुख्य उद्देश्य है। 2012 बैच के आईपीएस ऑफिसर संदीप चौधरी ने ‘ऑरपरेशन ड्रीम्स’ की शुरुआत अपने ऑफिस चैंबर में 10 बच्चों को पढ़ा कर की थी। आईपीएस ऑफिसर संदीप चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस विभाग में सब – इंस्पेक्टर एग्जाम के लिए पढ़ाया। जिसका एग्जाम जून 2018 के अंत में है।
आईपीएस ऑफिसर संदीप की मेहनत रंग ला रही थी प्रत्येक दिन उनकी क्लास में छात्रों का संख्या बढ़ती जा रही थी और उनका अफसर चेम्बर छोटा पड़ने लगा जिस कारण से उन्होंने ने 1 जून को अपनी क्लास को जम्मू एयरपोर्ट के पास एक प्राइवेट कम्यूनिटी सेंटर में शिफ्ट करना पड़ा। सेंटर के मालिक ने बच्चों की भलाई के लिए अपनी स्वेच्छा से यह जगह खाली करवा दी। अब विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लगभग 150 छात्र IPS संदीप से पढ़ते हैं। उनकी क्लास की अच्छी बात यह है कि क्लास में लड़कियों की भी संख्या 25 से ज्यादा है। ये क्लासेज 23 जून तक चलेंगी। क्योंकि उसके एक दिन बाद ही पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर का एग्जाम है। मीडिया से बात करते हुए संदीप ने कहा, ‘मैं अपने सहयोगियों से राज्य में होने वाले सब इंस्पेक्टर के एग्जाम के बारे में चर्चा कर रहा था तभी मेरे दिमाग में ये आइडिया आया।’
संदीप पढ़ाने के साथ साथ छात्रों को अपनी कहानी से प्रेरित भी करते हैं। उन्होंने बताया कि यूपीएससी क्लियर करने के लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली। यहां तक कि ग्रेजुएशन भी उन्होंने किसी कॉलेज से नहीं की बल्कि डिस्टेंस एजुकेशन से ग्रेजुएशन पूरा किया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपना बीए और एमए इग्नू से किया। मैंने जर्नलिज्म की पढ़ाई करने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे छोड़ना पड़ा। फिर मैंने इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया।’ उन्होंने बताया कि डिस्टेंस माध्यम से पढ़ाई करने की वजह से उन्हें काफी कम पैसे खर्च करने पड़े।
वह बताते हैं कि अच्छी पढ़ाई के लिए बहुत मंहगी फीस या कोचिंग की कोई जरूरत नहीं है। संदीप अपनी वर्दी में ही क्लास में बच्चों को पढ़ाते हैं। क्लास में पढ़ने वाली प्रीती बताती हैं, ‘मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे संदीप सर के मार्गदर्शन में पढ़ने का मौका मिल रहा है। उनके काम ने मुझे पुलिस विभाग में काम करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि मुझे सेलेक्शन में साफ-सुथरी प्रक्रिया के बारे में संशय था, लेकिन संदीप सर जैसे पुलिस अधिकारियों की मेहनत देख काफी प्रेरणा मिलती है।’ संदीप मानते हैं कि शिक्षा के बगैर हर नागरिक को राजनीतिक रूप से जागरूक करना मुमकिन नहीं है। बेरोजगारी युवाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है और उन्हें इस लायक बनाकर उन्हें एक बेहतर नागरिक भी बनाया जा सकता है। Source – Your Story