तीसरी लहर मंद पड़ने के संकेत मिलने के बाद सोमवार को उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, केरल, बिहार और दिल्ली में स्कूल खोल दिए गए। इससे पहले एक फरवरी को कई राज्यों ने स्कूल खोलने का फैसला लिया था। इस तरह अभी देश के 15 राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों में दोबारा बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जा सकेंगे।
हालांकि छोटी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने को लेकर राज्यों ने अभी इंतजार का विकल्प चुना है। वहीं विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बड़ी तादाद में किशोर आबादी को टीका लग जाने के चलते इस बार स्कूलों में विद्यार्थियों की तादाद बढ़ेगी।
86 प्रतिशत छोटे बच्चों ने पढ़ने की मौलिक क्षमता खो दी : छोटी कक्षाओं के लिए कई राज्यों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी हैं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के एक अध्ययन से पता लगा कि 86 प्रतिशत स्कूली बच्चों ने गणित में मौलिक क्षमता खो दी है।
इन राज्यों में पूरी तरह खुले स्कूल
पश्चिम बंगाल
यहां प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक स्कूल सोमवार से खोल दिए गए। जबकि राज्यने 3 फरवरी से कक्षा 8 से 12 के लिए ऑफलाइन कक्षाएं खोल दी थीं।
तेलंगाना-
राज्य में एक फरवरी से सभी स्तर की कक्षाओं के लिए ऑफलाइन स्कूल खोल दिए गए।
महाराष्ट्र–
24 जनवरी को यहां दोबारा स्कूल खोल दिए गए थे। मुंबई अभिभावक संघ ने बीएमसी से अपील की कि सभी निजी स्कूल ऑफलाइन कक्षाएं चलाएं।
कर्नाटक-
1 फरवरी से राज्य में 1 से लेकर 9वीं कक्षा के लिए ऑफलाइन स्कूल खोल दिए गए।
असम- 15 फरवरी से सभी कोरोना प्रतिबंधों को वापस लेनो का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इसी तारीख से राज्य में दोबारा स्कूल खुल सकते हैं।
पुडुचेरी- स्कूल स्तर की कक्षाओं के लिए ऑफलाइन स्कूल चार फरवरी से खुल चुके हैं।
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