प्रयागराज : आम शिक्षकों के लिए नियमों की लंबी फेहरिश्त है, जरा भी दाएं-बाएं होने पर वह तबादला सूची से बाहर हो जाते हैं। नौकरी में पारिवारिक समस्या का कोई मायने नहीं है लेकिन, बेसिक शिक्षा परिषद दिव्यांग और गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों को भी राहत देने को तैयार नहीं है। इसके ठीक उलट उन शिक्षकों को मनचाही तैनाती मिल रही है, जिनकी ऊपर तक पहुंच है या फिर वे टालमटोल करने पर तनकर खड़े हो गए।
बेसिक शिक्षा परिषद में अंतर जिला तबादलों की इस सूचना पर चौंकिए नहीं। शायद शिक्षक भूले नहीं हैं एक जनवरी को ही कुशीनगर की शिक्षिका ममता त्यागी का तबादला हापुड़ जिले के लिए हो चुका है। विभाग ने इसे शासन का आदेश बताकर आम शिक्षकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब चार और शिक्षिकाओं का मनचाहा अंतर जिला तबादला आदेश किया गया है। फीरोजाबाद जिले के अरांव ब्लाक के प्राथमिक स्कूल कबीरपुर की सहायक अध्यापिका कुमकुम का तबादला गौतमबुद्ध नगर के ग्रामीण क्षेत्र में किया गया है। इसी तरह से झांसी जिले के बामौर विकासखंड के उच्च प्राथमिक स्कूल सिया की सहायक अध्यापिका अमिता सिंह का भी गौतमबुद्ध नगर के ग्रामीण क्षेत्र में स्थानांतरण हुआ। यही नहीं झांसी जिले के ही चिरगांव विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका फरहत रूबी का कानपुर नगर के ग्रामीण क्षेत्र में और झांसी जिले के चिरगांव विकासखंड के उच्च प्राथमिक स्कूल फूलखिरिया की सहायक अध्यापिका ऋचा शुक्ला का तबादला अलीगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्र में हुआ है।
ये चारों तबादले परिषद सचिव रूबी सिंह के आदेश से हुए हैं। इसमें हाईकोर्ट के अवमानना आदेश का हवाला दिया गया है। विभागीय अफसर खास शिक्षकों का तबादला करने के लिए कोई न कोई ऐसा बहाना रहे हैं, जिससे अन्य शिक्षक दबाव न बना सके। जिस कोर्ट का हवाला दिया जा रहा है, वहां अंतर जिला तबादले की सूची आने के बाद दिव्यांग व गंभीर बीमारी से पीड़ित सैकड़ों शिक्षकों ने याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट ने उनका निस्तारण करने के लिए विभाग से कहा लेकिन, विभाग ने ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया और सत्र के मध्य में स्थानांतरण न करने का जवाब दाखिल कर दिया। जिन शिक्षिकाओं ने अवमानना याचिका दाखिल की उसमें भी पहले विभाग ने इन्कार किया और लेकिन, विभागीय टीम ने तबादले का रास्ता सुगम कर दिया।