प्रदेश के पांच लाख शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है। उन्हें सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन का भुगतान कर दिया गया है, हालांकि जनवरी व फरवरी माह का एरियर अभी लंबित है। शिक्षकों को अप्रैल माह के वेतन से नियमानुसार भुगतान की उम्मीद थी, लेकिन मार्च माह के वेतन से ही नया वेतनमान जारी हो गया है।
सातवें वेतन आयोग के अनुरूप शिक्षकों को वेतनमान नहीं मिल पा रहा था। इसका कारण साफ्टवेयर तैयार न हो पाना रहा है। इसको लेकर शिक्षकों ने कई बार प्रदर्शन किया और द्वारस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने तो प्रदेश भर में चाक डाउन हड़ताल तक की। शिक्षकों के उग्र रुख को देखते हुए आनन-फानन में साफ्टवेयर तैयार किया गया और सभी जिलों को भेजा गया। सातवें वेतनमान के अनुसार मार्च महीने का वेतन भुगतान शनिवार को जारी हो गया है। इससे शिक्षकों में खुशी का ठिकाना न रहा।
बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी देश दीपक पांडेय ने प्रदेश सरकार के प्रयास का स्वागत करते हुए कहा कि है कि प्रदेश सरकार अब जल्द ही शिक्षकों को जनवरी व फरवरी माह का एरियर भुगतान भी जारी करे।
तैयार हो रहे तर्क व दलीलें : शीर्ष कोर्ट में शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन व अवशेषशिक्षामित्रों को लेकर दो मई को सुनवाई होनी है। इसके लिए उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ तैयारियों में जुटा है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव व अन्य शिक्षक अधिवक्ताओं से मिलकर केस के संबंध में संभावित सवाल व उनके जवाब पर मंथन कर रहे हैं। हालांकि शिक्षामित्रों का मनोबल शीर्ष कोर्ट के रुख से बढ़ा हुआ है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 72 हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्त हो चुके शिक्षकों को राहत देने का संकेत दिया है।
You may Like