शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में चल रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय (बालिका) स्कूलों में सुधार हो तो कैसे हो? अधिकारी जिन स्कूलों को 80 से 100 नंबर दे रहे हैं, वह टास्क फोर्स के निरीक्षण में फिसड्डी निकल रहे हैं। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने इस पर गहरी नाराजगी जताई है।
जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह या उनके द्वारा नामित अधिकारी हर महीने केजीबीवी का निरीक्षण कर उसकी ग्रेडिंग करेगा। इसके लिए सरकार ने मानक तय कर दिए हैं, लेकिन ग्रेडिंग और टास्क फोर्स के निरीक्षण में काफी अंतर पाया जा रहा है। जिन स्कूलों को भौतिक संसाधनों और अवस्थापना सुविधाओं के आधार पर अधिकारियों ने 80 से 100 नंबर दिए हैं, वह स्कूल टास्क फोर्स के भौतिक सत्यापन में फेल हो जा रहे हैं। विजय किरण आनंद ने कहा है यदि आगे से भौतिक सत्यापन व ग्रेडिंग में अंतर पाया गया तो इसमें व्यक्तिगत उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। प्रदेश में 746 केजीबीवी हैं और ये शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में खोले गये हैं।