लखनऊ: उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) के अधिकारियों को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के बीच रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही। बीते सोमवार को समूह ख के उन अधिकारियों को जिन्हें समूह क में प्रोन्नति मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) व सहायक शिक्षा निदेशक पद पर तैनात किया था उन्हें कार्यमुक्त करने से बेसिक शिक्षा विभाग ने इन्कार कर दिया है। जिन सात जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कार्यमुक्त करने से मना किया गया है उनमें लखनऊ, बरेली, कानपुर नगर, आगरा, बहराइच, गौतमबुद्धनगर, जौनपुर, ललितपुर व सहारनपुर शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) रेणुका कुमार की ओर से जारी आदेश में इन जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस समय प्राथमिक स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य स्वेटर वितरण, मिड डे मील, समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत जनपदों में धनराशि स्थानांतरण का कार्य चल रहा है और इन बीएसए को कार्यमुक्त करने से काम अवरूद्ध होगा। ऐसे में इन्हें कार्यमुक्त न किया जाए।
लखनऊ के बीएसए अमरकांत सिंह को बरेली का डीआइओएस, बरेली की बीएसए तनुजा मिश्र को सहायक शिक्षा निदेशक (भवन), कानपुर नगर के बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी को जौनपुर का डीआइओएस, बहराइच के बीएसए श्याम किशोर तिवारी को कानपुर नगर का डीआइओएस द्वितीय, गौतमबुद्धनगर के बीएसए बालमुकुंद को सहारनपुर का डीआइओएस द्वितीय, जौनपुर के बीएसए राजेंद्र सिंह को आगरा का डीआइओएस द्वितीय और ललितपुर के बीएसए मनोज कुमार वर्मा को सहायक निदेशक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान पद पर नई तैनाती दी गई थी। फिलहाल इन्हें कार्यमुक्त करने से रोक दिया गया है।
मालूम हो कि बीती पांच नवंबर को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी अपने तीन अधिकारियों जिन्हें बेसिक शिक्षा विभाग ने बीएसए बनाया गया था, उन्हें कार्यमुक्त करने से इंकार कर दिया था। फिर बाद में दोनों विभागों में सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद उन्हें कार्यमुक्त किया गया। इससे पहले भी एक बार दोनों विभागों में अधिकारियों को लेकर तलवारें खीच गई थी।