प्रयागराज : प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में बनाने का एलान करके बड़ी आबादी को साध लिया है। आयोग के गठन से प्रतियोगी गदगद हैं वहीं, वकीलों में भी खुशी का इजहार किया है, क्योंकि उनकी बहुप्रतीक्षित मांग शिक्षा सेवा अधिकरण का मुख्यालय बनने की मांग पूरी होने उम्मीद जग गई है। इतना ही नहीं प्रयागराज से जिन शिक्षा विभाग के कार्यालयों को लखनऊ ले जाने की चर्चा थी, उसमें भी विराम लगने के आसार हैं।
प्रदेशभर के प्राइमरी स्कूलों, माध्यमिक स्कूलों व डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की भर्ती उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग के माध्यम से होनी। मंगलवार को कैबिनेट की मुहर लग गई है और शीत सत्र में ही विधेयक पारित होने की उम्मीद है। सरकार ने आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में ही बनाने का निर्णय लिया है। इससे यह चर्चा तेज हो गई है कि सरकार प्रयागराज को एजूकेशन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है, क्योंकि यहां पर प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के निदेशालय व अन्य कई भर्ती संस्थान पहले से संचालित हैं। इधर लंबे समय से शिक्षा सेवा अधिकरण की भी स्थापना के प्रयास हो रहे हैं। इसका मुख्यालय प्रयागराज में ही बनाने के लिए अधिवक्ताओं ने कई बार आंदोलन किया है। उनकी मुख्यमंत्री तक से वार्ता हो चुकी है और आश्वासन दिया गया था कि मांग पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा सेवा आयोग के निर्णय पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार को बैठक करके खुशी जताई है। एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा कि यह कदम प्रयागराज की गरिमा के अनुकूल है, इससे छात्रों, शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मियों को राहत व सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए यह भी कहा गया कि सरकार शिक्षा सेवा अधिकरण पर भी इसी तरह का निर्णय लेगी, ऐसा विश्वास है। यहां जेबी सिंह, अखिलेश कुमार मिश्र, प्रियदर्शी त्रिपाठी, आशुतोष पांडेय व सर्वेश कुमार दुबे आदि ने खुशी जताई है।