परिषदीय विद्यालयों में कक्षा पांच से आठ तक के बच्चों के सीखने-समझने के स्तर के आकलन के लिए आयोजित हुई परीक्षा का रिजल्ट प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। रिजल्ट के मुताबिक परीक्षा में 80 फीसद से ज्यादा अंक (ए प्लस ग्रेड) पाने वाले बच्चों के मामले में देवरिया प्रदेश में पहले नंबर पर है। यहां के सर्वाधिक 31 प्रतिशत बच्चे ए प्लस श्रेणी के हैं। वहीं 35 प्रतिशत से कम अंक (ई ग्रेड) पाने वाले बच्चों के मामले में बदायूं नंबर वन यानी फिसड्डी है। बदायूं के 30 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिन्हें 35 फीसद से कम अंक मिले हैं। इस परीक्षा के जरिये बच्चों को लर्निंग आउटकम के 40 संकेतकों की कसौटी पर परखा गया था।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का उनकी कक्षा के अनुरूप सीखने-समझने के सतर (लर्निंग आउटकम) के आकलन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने बीती आठ नवंबर को पहली बार राज्य स्तर पर लिखित परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में पांचवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चे शामिल हुए थे। परिषदीय विद्यालयों में पांचवीं से लेकर आठवीं कक्षा में कुल 59,55,599 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमे से 48,73,774 बच्चों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा देने वाले 48,56,145 बच्चों के रिजल्ट बेसिक शिक्षा विभाग के प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किये जा चुके हैं। इनमें 22,89,532 बालक और 2,56,613 बालिकाएं हैं।
समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि परीक्षा में सी, डी और ई ग्रेड पाने वाले बच्चों को रेमेडियल टीचिंग करायी जाएगी। जिन बच्चों ने लर्निंग आउटकम नहीं हासिल किया है, उन पर खासतौर पर ध्यान दिया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन पर होगी। परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लर्निंग आउटकम के आकलन के लिए फरवरी में फिर परीक्षा आयोजित होगी।