उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 24 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली कनिष्ठ सहायक (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा-2019 अब अगले वर्ष चार जनवरी को होगी। वहीं 26 दिसंबर को प्रस्तावित कंप्यूटर ऑपरेटर (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा-2016 अब 10 जनवरी को आयोजित होगी।
यह फैसला रविवार को आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार की अध्यक्षता में हुई असाधारण बैठक में लिया गया। बैठक में आयोग के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने के कारण अभ्यर्थी इन परीक्षाओं के प्रवेश पत्र डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं। कई जिलाधिकारियों ने अभ्यर्थियों की इस व्यावहारिक समस्या और अन्य तकनीकी कारणों से दोनों परीक्षाओं के आयोजन में कठिनाई बताई थीं।
जिलाधिकारियों ने दोनों परीक्षाओं को अन्य तिथियों में आयोजित करने का अनुरोध किया था। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद बैठक में परीक्षाओं को नई तारीखों में आयोजित करने का निर्णय हुआ।
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इन परीक्षाओं की पाली व केंद्र संबंधी पुनरीक्षित सूचना और पुनरीक्षित प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के बारे में अभ्यर्थियों को यथासमय आयोग की वेबसाइट के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : इंटरनेट सेवाएं बंद होने के कारण ई-मेल के जरिये आपत्ति नहीं दर्ज करा पा रहे पीसीएस, एसीएफ व आरएफओ प्री परीक्षा 2019 के अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे पर पर हंगामा किया। अभ्यर्थी रविवार को कागज पर आपत्ति लिखकर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग पहुंचे तो सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गेट पर रोक लिया। साथ ही सक्षम अधिकारी के आयोग में न होने की बात कहकर आपत्ति लेने से मना कर दिया। इस पर अभ्यर्थी हंगामा करने लगे। अभ्यर्थियों की नाराजगी देखकर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सोमवार को आयोग आकर अधिकारियों को आपत्ति देने की बात कहकर शांत कराया।
लोकसेवा आयोग ने 15 दिसंबर को पीसीएस, एसीएफ व आरएफओ की परीक्षा 2019 की प्री परीक्षा प्रदेश के 19 जिलों में आयोजित कराई थी। फिर 17 दिसंबर की शाम उसकी उत्तरकुंजी जारी कर दी। उत्तरकुंजी के बारे में अभ्यर्थियों से 22 दिसंबर तक ई-मेल के जरिये आपत्ति भेजने को कहा गया था।
इधर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश के विभिन्न शहरों में उग्र प्रदर्शन शुरू होने से 20 से 22 दिसंबर तक प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़ सहित कई जिलों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। इसके चलते अभ्यर्थी ई-मेल के जरिए अपनी आपत्ति आयोग को नहीं भेज पाए। आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि अभ्यर्थी अपनी दिक्कत लिखित रूप से आयोग आकर दें, नियमानुसार सक्षम अधिकारी उस पर निर्णय लेंगे।