लखनऊ : सरकारी प्राइमरी स्कूलों की सूरत इंडस्ट्री की मदद से बदली जाएगी। मॉडल प्राइमरी स्कूल, आवासीय प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे। स्कूलों में ई लर्निग के माध्यम से पढ़ाई करवाई जाएगी। स्मार्ट क्लास व डिजिटल लैब भी बनाई जाएंगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने बताया कि इसके लिए इंडस्ट्री से भरपूर मदद ली जाएगी। इंडस्ट्री कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत धन खर्च कर स्कूलों को चमकाएंगे। इसके लिए मार्च में बेसिक शिक्षा विभाग सीएसआर कॉनक्लेव आयोजित करेगा। इसमें नीति आयोग के भी अधिकारी प्रतिभाग करेंगे। कई इंडस्ट्री के साथ जल्द बेसिक शिक्षा विभाग एमओयू भी करेगा।
कॉनक्लेव की तैयारियों को लेकर इंडस्ट्री के नुमाइंदों के साथ राजधानी में एक होटल में बैठक आयोजित की गई। इसमें अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) रेणुका कुमार ने बताया कि यूपी में प्रेरणा एप के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन करवाने के साथ-साथ पढ़ाई और टीचरों की उपस्थिति दर्ज करवाई जा रही है। वहीं विद्यार्थियों के पढ़ने-लिखने के स्तर को आंकने के लिए लर्निग आउटकम टेस्ट करवाया गया। वहीं इंडस्ट्री द्वारा अन्य राज्यों में किए गए कार्यो का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। इसमें रोबोटिक लैब, डिजिटल लैब, साइकोमैटिक्स व करियर नेविगेटर इत्यादि पर चर्चा की गई। बैठक में इंडियन आयल कारपोरेशन, एचसीएल फाउंडेशन, आइटीसी लिमिटेड, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन, एचडीएफसी बैंक समेत एक दर्जन संस्थाएं शामिल हुईं।