इलाहाबाद: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले में नया विवाद सामने आ गया है। शिक्षक पद पर कम योग्यता के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और विभागीय अधिकारियों से जवाब-तलब किया। इस मामले की सुनवाई अब 13 सितंबर को होगी। कोर्ट ने 72825 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर सरकार से जवाब मांगा है, जो सर्वोच्च न्यायालय में चल रही शिवकुमार पाठक केस में प्रतिपक्षी थे। इस मामले को लेकर दाखिल याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत उन्हें नियुक्ति देने का निर्देश दिया था और न्यूनतम अंक की अर्हता भी तय की थी। इसके बावजूद बुनियादी शिक्षा परिषद ने राजीव को कम योग्यता के अभ्यर्थियों की नियुक्ति दे दी, लेकिन उनके मामले में विचार नहीं किया गया।
मोहम्मद नसीम व 178 अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल मुकदमा कर रहे हैं। /चीगण के अधिवक्ता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुमति याचिका शिवकुमार पाठक बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में याचीगण प्रतिमाक्षी की थी। इसके अलावा बहुत से उम्मीदवार इंटरव्यूइंग एप्लीकेशन द्वारा इसमें बाद में पक्षकार बन गए। सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश के तहत ऐसे सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया, जिनके टीईटी में सामान्य वर्ग में 105 अंक और आरक्षित वर्ग में 90 अंक हैं। इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने 1100 अभ्यर्थियों की सूची तैयार की। इसमें 839 को नियुक्ति दे दी गई है,
यह सभी इंटरविनिंग आवेदन दाखिल करने वाले अभयर्थी थे, लेकिन याचिका में प्रतिपक्षी रहे अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई, जबकि उनके अंक सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित अंक से अधिक हैं। दूसरी ओर जिन लोगों को नियुक्तियां दी गईं उनमें कई ऐसे हैं जिनके अंक निर्धारित न्यूनतम अंक से कम हैं। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है।
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