शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान किट की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं। इलाहाबाद, शाहजहांपुर और उन्नाव में खरीद में अनियमितता की शिकायत के बाद सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ की ओर से तीनों जिलों में जांच कराई जा रही है। सरकार ने 52980 जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान किट और 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में गणित किट खरीदने के लिए 10 अगस्त 2016 को 42.53 करोड़ रुपए जारी किए थे।
स्कूल स्तर पर 30 सितंबर तक किट खरीदने के आदेश दिए थे। खरीद के लिए स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष, सचिव, विज्ञान शिक्षक व दो जागरुक अभिभावकों को शामिल करते हुए पांच सदस्यीय समिति बनाने के निर्देश थे। किट राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की website पर उपलब्ध अधिकृत फर्मों से ही खरीदी जानी थी। प्रत्येक साइंस किट के लिए आठ हजार व मैथ्स किट के लिए 1900 रुपए दिए गए थे।
लेकिन आरोप है कि खंड शिक्षाधिकारियों ने हेडमास्टरों पर दबाव बनवाकर साइंस किट के मद में मिले रुपयों को चेक से ले लिया और अपने स्तर पर खराब गुणवत्ता की किट खरीदकर स्कूलों में भेज दी।
इलाहाबाद, शाहजहांपुर व उन्नाव में विज्ञान किट की खरीद में अनियमितता की शिकायत मिली है। इसकी जांच के लिए आदेश दिए गए हैं।- राजकुमारी वर्मा अपर निदेशक सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ
सरकारी स्कूलों में जाकर जांच करेगी कमेटी: जिले के सरकारी स्कूलों में विज्ञान-गणित किट खरीद में अनियमितता की शिकायत मिलने पर सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. वेदपति मिश्र ने 11 मई को जांच समिति गठित की है। कमेटी के अध्यक्ष मंडलीय सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक रमेश कुमार तिवारी हैं और सदस्य के रूप में सर्व शिक्षा अभियान की विशेषज्ञ शिखा शुक्ला व वित्त अनुभाग के वरिष्ठ ऑडीटर संजीव मेहरोत्र को शामिल किया गया है। यह कमेटी 19 व 20 मई को स्कूलों में जाकर देखेगी की खरीद में शासनादेश का पालन किया गया है या नहीं। इसके अलावा विज्ञान-गणित किट क्रय के संबंध में स्कूल में उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन करते हुए 25 मई तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।