प्रदेश के अशासकीय कालेजों में ठेके पर तैनात कंप्यूटर शिक्षक अब छात्र-छात्रओं के लिए पाठ्यक्रम को अपग्रेड करने की मांग उठा रहे हैं। राजकीय कालेजों की तर्ज पर अशासकीय कालेजों में भी कंप्यूटर शिक्षक नियुक्त करने का सुझाव भी दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव शैल यादव ने इस दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के कालेजों में 25 जून 2001 में कंप्यूटर विषय के लिए पाठ्यक्रम लागू हुआ। प्रदेश के शासकीय/अशासकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षण कार्य अनवरत संचालित हो रहा है, परंतु कंप्यूटर विषय कक्षा नौ से 12 तक ऐच्छिक विषय के रूप में उपलब्ध है। यह हालात अन्य बोर्ड सीबीएसई आदि में नहीं है। छात्र-छात्रएं चाह कर भी इस विषय को ले नहीं ले पा रहे हैं।
कंप्यूटर शिक्षक विश्वनाथ मिश्र का कहना है कि वर्तमान परिवेश में कंप्यूटर शिक्षा आवश्यक ही नहीं, अनिवार्य हो गई है। प्रदेश के कुछ गिने चुने विद्यालय हैं, जहां विद्यालय के प्रबंधतंत्र की ओर से नियुक्त शिक्षक 2001 से शिक्षण कार्य करते आ रहे हैं। उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं है और न ही दो दशक से निर्धारित पाठ्यक्रम को अपग्रेड किया गया है।
छात्र-छात्रएं इसमें रुचि नहीं ले पा रहे हैं। मिश्र ने परिषद सचिव को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि राजकीय की तर्ज पर अशासकीय स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को विनियमित किया जाए और पाठ्यक्रम तत्काल अपग्रेड कराया जाए।