आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। इसमें बताया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर गठित कमेटी ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा देने का प्रस्ताव किया है। प्रस्ताव पर मिले सुझाव के आधार पर मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
गैर सरकारी संस्था सोशल जूरिस्ट की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने कहा कि इस काम में अभी और वक्त लग सकता है। ऐसे में थोड़ा और समय दिया जाए। पूरी जानकारी अदालत को दी जाएगी। मानव संसाधन मंत्रलय ने शपथपत्र में कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार के साथ निजी स्कूलों की भी है। कमेटी ने अपने प्रस्ताव में नर्सरी से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा देने की बात कही है, इसका लाभ तीन से 18 वर्ष तक के विद्यार्थि