उप्र लोकसेवा आयोग (UPPSC)की भर्तियों की जांच सीबीआइ ने फिर तेज कर दी है। जांच दल पिछले दिनों गुपचुप प्रयागराज पहुंचा है और कैंप कार्यालय में भर्तियों में गड़बड़ी के साक्ष्य जुटाने का कार्य तेज कर दिया है। इस संबंध में शिकायत करने वाले अभ्यर्थियों को रिकॉर्ड के साथ बुलाया गया है। चर्चा है कि जल्द ही नई एफआइआर भी हो सकती है। जांच टीम फिलहाल तो कैंप कार्यालय में ही छानबीन कर रही है, जल्द ही वह यूपीपीएससी में भी दस्तक देगी।
यूपीपीएससी की 2013 से लेकर 2016 के बीच की करीब 600 भर्तियों की सीबीआइ जांच चल रही है। इसमें जांच टीम एक एफआइआर अज्ञात के नाम दर्ज कर चुकी है। शुरू में जांच प्रक्रिया तेज रही लेकिन, इधर जांच अफसरों की आवाजाही कई-कई माह बाद हो रही है। इन दिनों जांच दल के एमके पांडेय की अगुवाई में टीम यहां पहुंची है, जो मुख्य रूप से पीसीएस परीक्षाओं की छानबीन कर रहे हैं। जांच दल शिकायतकर्ताओं से मिलकर साक्ष्य इकट्ठा कर रहा है, क्योंकि कई ने टीम को भर्ती में गड़बड़ी होने के आरोप लगाए थे। उनमें से कई आरोपों की पुष्टि भी गोपनीय तरीके से जांच कर चुका है। सीबीआइ टीम की सुस्ती से शिकायतकर्ताओं ने भी जांच दल से दूरी बना ली थी, अब फिर से विश्वास बहाली के प्रयास हुए हैं। संकेत है कि जल्द ही सीबीआइ एफआइआर जैसे कदम उठा सकती है। इधर जांच दल ने कई जिलों के अभ्यर्थियों को बुलाकर प्रयागराज के गो¨वदपुर कैंप कार्यालय में मुलाकात की है, उन्हें संदेश दिया है कि यदि और कोई अभ्यर्थी साक्ष्य देना चाहे तो वह भी कैंप कार्यालय आ सकता है। जांच दल ने व्यक्तिगत रूप से भी मिलने का समय देगा। जांच दल इस हफ्ते प्रयागराज में ही रहेगा। सीबीआइ टीम की तेजी की एक वजह प्रतियोगी अवनीश पांडेय की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका है जिसमें समयबद्ध जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग की गई है। अब जांच दल के सदस्य अभ्यर्थियों को अपने नंबर भी बांट रहे हैं।