शिक्षा मित्रों के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार ने शिक्षा मित्रों को टीईटी में 25 अंक का भारांक देने की घोषणा के बाद बीटीसी के अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है। और भारांक के विरोध में आज बीटीसी अभ्यर्थियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। लगभग सौ की संख्या में बीटीसी अभ्यर्थी हाथों में तख्तियां लिए बीजेपी के कार्यालय पर नारेबाजी करने के साथ ही शिक्षामित्रों को मिलने वाले 25 अंकों को वापस लेने की मांग की है। बीटीसी अभ्यर्थी मनदीप कुमार सिंह ने बताया,बीटीसी अभ्यर्थी लगभग 60 दिन से लक्ष्मण मेला मैदान में शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के दौरान बारिश और खराब मौसम के कारण कई प्रदर्शनकारियों कि तबियत भी ख़राब हो गई हैैं। बीटीसी अभ्यर्थियों ने बताया कि हम शांति पूर्वक प्रदर्शन करना चाहते हैं। बीटीसी अभ्यर्थियों कि मांग है कि जल्द से जल्द 75000 सहायक अध्यापकों की भर्ती की जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि शिक्षामित्रों को 25 नंबर का वेटेज न दिया जाये वर्ना बीटीसी अभ्यर्थी नौकरी नहीं पा पाएंगे।
बता दें कि राज्य सरकार ने नवंबर में बेसिक शिक्षकों की भर्तियां निकालने का फैसला किया है। इन भर्तियों में शिक्षा मित्रों को अधिकतम 25 नंबर का भारांक मिलेगा। इसके लिए शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन किया जाएगा। टीईटी के मुद्दे पर शिक्षामित्रों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी। उन्हें टीईटी पास करना ही होगा। ये जानकारी अपर मुख्य सचिव शिक्षा आरपी सिंह ने शिक्षामित्र संगठनों के साथ गुरुवार को हुई वार्ता के दौरान दी थी।वहीं प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे बीटीसी अभ्यर्थी मनदीप ने बताया कि आज प्रशासन ने हमसे कहा है कि भारांक देने का फैसला नहीं लिया गया है। किसी ने उन्हें बरगला दिया है।
इस दौरान जनसमस्याओं का निराकरण करने के लिए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेन्द्र सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सैनी के अलावा प्रदेश मंत्री कौशलेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे। अभी अंकों का निर्धारण नहीं-मंत्री
शिक्षामित्रों को मिलने वाले 25 अंक पर बोलते हुए डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि अभी अंकों का निर्धारण नहीं हुआ है। बीटीसी के लोग कह रहे थे कि हम लोगों के बीच में किसी और की दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए। लेकिन सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार यूपी सरकार निर्णय ले रही है।
सरकार ने कमेटी का किया गठन: उन्होंने कहा कि सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है और कमेटी अपना निर्णय लेगी। दोनों लोग परीक्षा में बैठेंगे, जो परीक्षा को पास करेगा, उसको नौकरी मिलेगी, इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बीटीसी के अभ्यर्थियों को यह सोचना चाहिए कि कितना बड़ा निर्णय उनके पक्ष में हुआ है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुआ है शिक्षामित्र जो 10-15 वर्षो से पढ़ा रहे थे, उनको वहां से हटाया गया है।
सुप्रीमकोर्ट के मार्गदर्शन में सरकार: सरकार ने सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए सुप्रीमकोर्ट के मार्गदर्शन में जिसने 15-20 वर्षो की सेवा की है, उनको आयु सीमा में छूट दी जा रही है। सहानभूतिपूर्वक विचार करते हुए जिससे बीटीसी के लोगों को कोई हानि न हो सबका साथ-सबका विकास जो सरकार का नारा है उनको लेकर सरकार निर्णय करेगी।