प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षक के तमाम पद खाली हैं। उन खाली पदों को भरने के लिए विभिन्न भर्तियां भी शुरू की गई लेकिन, राज्य में सरकार बदलते ही उनकी प्रक्रिया रोकी गई। बाद में कुछ भर्तियां शुरू होकर रुक गई। हाईकोर्ट इस मामले में नियुक्ति देने का निर्देश दे चुका है, विभाग फिर भी पुरानी भर्तियों को आगे बढ़ाने को तैयार नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के मामले में सरकार की पुनर्विचार अर्जी को मंगलवार को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि भर्ती दो माह में पूरी की जाए, वहीं प्रदेश सरकार ने इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार अर्जी दाखिल की थी। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के आदेश को पालन कराने के लिए पहले से अवमानना याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं। आठ अप्रैल को इस पर सुनवाई होनी है। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद उस समय चल रहीं शिक्षकों की भर्तियां 23 मार्च 2017 को रोक दी गई थीं।
हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिकाएं दाखिल की गई। कोर्ट ने यह कहते हुए भर्तियां रोकने का आदेश रद कर दिया कि बिना कोई कारण बताए राज्य सरकार ने भर्तियां रोकी हैं। इन भर्तियों में किसी प्रकार की धांधली या गड़बड़ी का आरोप भी नहीं है।
एकल पीठ के आदेश को राज्य सरकार ने विशेष अपील में चुनौती दी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे शासन पर लंबित भर्तियां आगे बढ़ाने का दबाव बढ़ा है। वहीं, अभ्यर्थियों में कोर्ट के निर्णय से खुशी की लहर है।
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