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माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहली बार तदर्थ शिक्षकों को भी लिखित परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया है, जिससे वे चयनित होकर नियमित शिक्षक बन सकें। लिखित परीक्षा में तदर्थ शिक्षकों के मूल्यांकन में प्रति प्रश्न कमी की गई है, जिससे शिक्षक नाराज हैं। वे समानता की मांग कर रहे हैं। साथ ही वेटेज अंक उनकी सेवा को देखते हुए देने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि वे आसानी से चयनित हो सकें। शासन ने कोर्ट में जितनी संख्या तदर्थ शिक्षकों की बताई है नियुक्ति पाने वाले उससे अधिक हैं।
इन जिलों में तदर्थ शिक्षक
सुलतानपुर, आंबेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़, प्रतापगढ़, गोंडा, बस्ती, जौनपुर, वाराणसी, श्रवस्ती, बहराइच, मऊ, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, प्रयागराज, बलरामपुर, संतकबीर नगर व बाराबंकी। छह जिलों में कुल संख्या के आधे से अधिक तदर्थ शिक्षकों के होने का दावा किया गया है।