बेसिक शिक्षा विभाग एक और कुछ अभ्यर्थियों को सेवानिवृत्ति की आयु तक नियुक्ति देने को तैयार है, वही दूसरी तरफ दो विशेष वर्गो को आयु सीमा में छूट देने का कोई प्रावधान ही नहीं किया है। इंट्रेस्टिंग बात तो ये है कि उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में आयु सीमा छूट का प्रावधान होने के बावजूद विभाग ने नियुक्ति के लिए जारी निर्देशों में इसका कोई उल्लेख तक नहीं किया है। ऐसी स्थिति में करीब 417 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी नियुक्ति नहीं पा सकेंगे। क्या यही काम करने का तरीका है।
प्रदेश भर के विशिष्ट बीटीसी व उर्दू बीटीसी के अभ्यर्थी परिषदीय स्कूलों के लिए हुई 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल हुए। इस लिखित परीक्षा के लिए 13 अगस्त को जारी रिजल्ट में 41556 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में विशिष्ट बीटीसी के 375 व उर्दू बीटीसी के 96 अभ्यर्थी भी शामिल हैं। इन दिनों इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे है लेकिन इन दोनों वर्गो को आयु सीमा में छूट देने का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है, जबकि भूतपूर्व सैनिक, शिक्षामित्र व दिव्यांग की ही आयु सीमा का निर्धारण किया गया है। जबकि उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में विशिष्ट बीटीसी व उर्दू बीटीसी के अभ्यर्थियों की आयु सीमा अधिकतम 50 वर्ष दी गई है। 68500 सयहयक शिक्षक भर्ती में उत्तीर्ण हुये 41556 उत्तीर्ण कि नियुक्ति प्रक्रिया में निर्देशों में इसका कोई उल्लेख तक नहीं किया। शिक्षक भर्ती में इसका उल्लेख न होने से यहप्रदेश भर के विशिष्ट बीटीसी व उर्दू बीटीसी के अभ्यर्थी परिषदीय स्कूलों के लिए हुई 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थी लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी नियुक्ति नहीं पा सकेंगे। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में विशिष्ट बीटीसी के अभ्यर्थी 1999, 2004, 2007 और 2008 बैच के हैं। वहीं उर्दू बीटीसी 1996 बैच के हैं। अभ्यर्थी सुधांशु कुमार त्रिवेदी का कहना है कि आवेदन के निर्देश में बदलाव किए बिना वह और उनके साथी काउंसिलिंग नहीं करा सकेंगे।
16448 भर्ती में भी हुई थी चूक: आयु सीमा निर्धारण की यह चूक विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों के साथ पहली बार नहीं हुई है। इसके पहले 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती में भी इस वर्ग की उम्र सीमा तय नहीं हुई। ऐसे ही प्रदेश में उर्दू शिक्षक भर्ती के समय बेसिक शिक्षा विभाग ने सेवानिवृत्ति की आयु तक अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के लिए अर्ह किया था लेकिन, इस बार उर्दू बीटीसी वालों की अनदेखी की गई है।
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